पटना: बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी का राज्यसभा जाना अब तय हो गया है।
सुशील कुमार मोदी का निर्विरोध निर्वाचित होने का रास्ता गुरुवार को तब साफ हो गया जब विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं दिया और अब 7 दिसंबर को नाम वापसी की समय सीमा खत्म होने के साथ ही सुशील मोदी राज्यसभा के लिए निर्वाचित घोषित कर दिए जाएंगे।
सुशील मोदी के राज्यसभा जाने से उनके पुराने सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक तरफ जहां खुश हैं, वहीं दूसरी तरफ मोदी के कट्टर विरोधी लालू प्रसाद भी राहत की सांस ले रहे हैं।
राजद से जुड़े सूत्रों की मानें तो लालू प्रसाद खुद सुशील मोदी के दिल्ली की राजनीति में जाने से खुश नजर आ रहे हैं।
लालू चाहते हैं कि सुशील मोदी बिहार की राजनीति से दूर रहें ताकि खुद उन पर और उनके परिवार पर सुशील मोदी का हमला कम हो सके। सुशील मोदी की राजनीति में लालू परिवार सबसे ऊपर रहा है।
लालू परिवार के ऊपर निशाना साधना सुशील मोदी की राजनीति का फेवरेट स्ट्रोक रहा है और ऐसे में अगर सुशील मोदी बिहार की राजनीति से दूर जाते हैं तो खुद लालू प्रसाद के लिए यह किसी बड़ी राहत से कम नहीं होगी।
जानकार बता रहे हैं कि शुरुआती दौर में राजद ने लोजपा को सुशील मोदी के खिलाफ पर कैंडिडेट उतारने का ऑफर दिया था।
इसकी खबर मिलने के बाद लालू ने तेजस्वी के पास संदेश भिजवाया था। लालू ने तुरंत तेजस्वी यादव को राज्यसभा चुनाव में कैंडिडेट देने या फिर किसी कैंडिडेट का समर्थन देने से परहेज करने को कहा था।
लालू नहीं चाहते थे कि सुशील मोदी के राज्यसभा जाने के बीच कोई रोड़ा अटका या जाए।