भोपाल : मध्यप्रदेश में इन दिनों नशाबंदी और शराबबंदी को लेकर जिरह छिड़ी हुई है।
इस जिरह के बीच गुना जिले का ब्राह्मणपुरा गांव एक मिसाल बनकर सामने आया है, जहां गांव के लोगों ने शराबबंदी को सफल बनाने में कामयाबी हासिल की है।
ब्राह्मणपुरा ऐसा गांव है जहां महिलाओं ने शराबबंदी के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। उसी का नतीजा यह हुआ कि गांव में शादी समारोह से लेकर किसी भी अन्य उत्सव में शराब का सेवन नहीं किया जाता और न ही परोसी जाती है।
जो व्यक्ति गांव में शराब पीकर आता है उस पर 500 से लेकर हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाता है।
इस अभियान की शुरूआत गांव की कृष्णा बाई और अन्य महिलाओं ने शुरू की थी।
वो बताती हैं कि 12 साल पहले नशे के खिलाफ बैठक की गई थी जिसमें तय हुआ था कि गांव में अगर कोई शराब पीकर आता है तो पांच सौ से एक हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा।
वे कहती हैं कि अगर व्यक्ति सुबह और शाम को घर में पूजा करता है साथ ही बच्चों के साथ समय बिताता है तो वह कभी शराब को हाथ नहीं लगाएगा।
इस मुहिम के बावजूद कई बार गांव में बाराती शराब पीकर आए तो उन पर जुर्माना भी लगाया गया।
गांव के कोमल शर्मा बताते हैं कि उनके यहां कई बार हिदायत के बाद भी बाराती शराब पीकर आए तो उनसे जुर्माना वसूला गया।
साथ ही दूल्हा और दुल्हन की रस्मों में भी उन्हें शामिल नहीं होने दिया गया। अब गांव में बारात आती है तो कोई भी बाराती शराब पीकर नहीं आता।
बताया गया है कि गांव के लोगों ने एक टीम बनाई है जो बारातियों पर नजर भी रखती है।
अभी तक शराब पीने वालों से 15 हजार से ज्यादा की वसूली की जा चुकी है और इसका उपयोग मंदिर के भगवान की पूजा-अर्चना, यज्ञ और हवन पर खर्च किया गया है।
पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा बताते है कि नेताखेड़ी पंचायत का गांव है ब्राह्मणपुरा, जहां पूरी तरह शराबबंदी है, यहां कोई शराब नहीं पीता और जो शराब पीकर आता है उस पर जुमार्ना लगाया जाता है।
यह एक मिसाल है और इस गांव से अन्य लोगों को सीख लेनी चाहिए।
बता दें कि राज्य में पिछले कुछ दिनों से नशा और शराबबंदी को लेकर सियासी माहौल गर्माया हुआ है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराब बंदी को लेकर महिला दिवस पर आठ मार्च से अभियान शुरु करने का ऐलान भी कर चुकी हैं।
कांग्रेस नेता और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ भी शराबबंदी की पैरवी कर चुके हैं।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नशाबंदी के लिए जनजागृति अभियान पर जोर दे रहे हैं।