हजारीबाग: कोरोना काल में सीमा सुरक्षा बल ने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किया। न केवल शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए देश की सुरक्षा में लगने वाले जवानों को प्रशिक्षित करते हुए तैयार करने का काम किया गया, बल्कि आसपास के गांवों में लोगों को कोरोना से बचने के लिए मास्क, पीपीई किट एवं जरूरतमंदों के बीच राशन पैकेट का भी वितरण किया गया।
आम तौर पर प्रत्येक वर्ष करीब ढाई हजार से तीन हजार जवानों को सीमा सुरक्षा बल के मेरू स्थित प्रशिक्षण केंद्र एवं विद्यालय में प्रशिक्षित किया जाता है, लेकिन कोरोना के कारण 2020 में महज 1451 कार्मिकों को प्रशिक्षित करने का काम किया गया। इनमें से 12 नेपाल पुलिस (विदेशी) भी शामिल हैं।
इसके अलावा आईआरबी के 100 एवं एसएसबी के 13 जवानों को भी यहां प्रशिक्षण दिया गया।
उक्त जानकारी शनिवार को आईजी रवि गांधी ने दी। वे शनिवार को पूरे वर्ष भर के कार्यक्रमों की जानकारी दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि मेरू स्थित संस्थान बम डिस्पोजल एवं काउंटर इनसरजेंसी व कमांडों ट्रेनिंग के लिए श्रेष्ठ केंद्र के रूप में स्थापित है।
उन्होंने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट के तहत 4 सितंबर को 15 किलोमीटर का वाकाथान आयोजित हुआ।
वहीं 28 एवं 30 सितंबर को क्रमशः 10 और 15 किलोमीटर एवं 2 अक्टूबर गांधी जयंती को 10 किलोमीटर का वाकाथान आयोजित किया गया, जिसमें अधिकारी व जवान शामिल हुए।
एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत कार्यक्रम किए गए। प्रशिक्षण केंद्र के समीप कुंदरी, अलौजा व डंडई में बल द्वारा विशेष सेनेटाइजेशन कार्यक्रम किया गया।
पर्यावरण सुरक्षा के अंतर्गत परिसर से लेकर हजारीबाग झील के आसपास सफाई अभियान चलाया गया।