Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की नाकामी के कारण झारखंड को 20 हजार करोड़ रुपये की बजटीय राशि सरेंडर करनी पड़ी। उन्होंने इसे ‘शर्मनाक’ बताते हुए कहा कि यदि यह धनराशि सही तरीके से उपयोग की जाती, तो अधूरी पड़ी सड़क परियोजनाओं को पूरा किया जा सकता था, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाया जा सकता था, और युवाओं के लिए नए रोजगार सृजित किए जा सकते थे।
अखबारों में बजट का बखान, हकीकत में फंड सरेंडर
मरांडी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बड़े-बड़े विज्ञापन देकर अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं, लेकिन उन्हीं अखबारों में छपी 20 हजार करोड़ रुपये के सरेंडर की खबर असल सच्चाई बयां कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता विकास नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है।
दूरदृष्टि और क्रियान्वयन की कमी
भाजपा नेता ने कहा कि बजटीय धनराशि के सही उपयोग में नाकामी झारखंड सरकार की नीतिगत विफलता को दर्शाती है। योजनाओं में दूरदृष्टि और प्रभावी कार्यान्वयन की कमी के कारण इतनी बड़ी राशि खर्च नहीं की जा सकी, जो राज्य के लिए निराशाजनक है।