भारत

बजट सत्र सोमवार से फिर शुरू, राज्यसभा में तीखी बहस छिड़ने के आसार

नई दिल्ली : संसद का बजट सत्र एक छोटे अंतराल के बाद सोमवार से में फिर से शुरू होने जा रहा है। वहीं विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए कमर कस रहा है।

बजट सत्र के दूसरे चरण से पहले कांग्रेस की संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को पार्टी के नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग कर सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की।

इस बैठक में जी-23 के आनंद शर्मा और मनीष तिवारी के अलावा राज्यसभा में हाल ही में विपक्ष के नेता बने मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए।

इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एके एंटनी और जयराम रमेश ने भी बैठक में हिस्सा लिया।

बैठक में किसानों के आंदोलन, पेट्रोलियम की कीमतों और बेरोजगारी जैसे प्रमुख मुद्दों पर सरकार पर हमला करने की रणनीति पर चर्चा की गई।

रविवार को पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने भी कृषि कानूनों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, प्रधानमंत्री मोदी, आजीविका अधिकार है, मदद नहीं है। कृपया एमएसपी दें।

हाल ही में सरकार द्वारा पीएसयू में विनिवेश को लेकर सोनिया गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, मोदी सरकार महामारी के कारण अर्थव्यवस्था के नीचे जाने के इस समय का उपयोग अपने पसंदीदा पूंजीपतियों को भारत के धन का बड़ा हिस्सा सौंपने के मिशन को आगे बढ़ाने में कर रही है।

भारत के सार्वजनिक उपक्रमों (सार्वजनिक उपक्रमों) का निजीकरण करना, परिवार की चांदी बेचकर पैसे लाने जैसा है।

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, कोरोना के मुश्किल समय में जब हमारे साथ-साथ पूरी दुनिया सरकार के साथ खड़ी थी और यह उम्मीद कर रही थी कि प्रधानमंत्री हमारे जीवन, हमारी आजीविका के बारे में सोच रहे हैं, तब उन्होंने इस संकट को हल करने की बजाय वह पीठ में छुरा घोंपने की तैयारी कर रहे थे।

हाल ही में विपक्ष के नेता बने मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, वे खेती को मुश्किल में ला रहे हैं और सबसे अहम बात यह है कि देश बढ़ती बेरोजगारी को दूर करने के लिए उनके पास कोई योजना नहीं है।

बता दें कि सोमवार को नेता प्रतिपक्ष के रूप में खड़गे का पहला दिन होगा और वह हमेशा से नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के घोर आलोचक रहे हैं।

बजट सत्र के दूसरे चरण में उम्मीद है कि विपक्ष पेट्रोलियम की बढ़ती कमीतों, किसान आंदोलन, सोशल मीडिया के नियम, विनिवेश और बेरोजगारी जैसे विभिन्न मुद्दों को उठाएगी।

राज्यसभा के बुलेटिन के अनुसार, स्वास्थ्य, ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वन और जलवायु परिवर्तन समितियों की स्थायी समितियों की रिपोर्ट उच्च सदन में पेश की जाएगी।

इसके अलावा संसद के पहले दिन, नवनियुक्त सदस्य शपथ लेंगे। इसके अलावा केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 को आगे बढ़ाएंगे, जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker