रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश ने विधानसभा में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की ओर से पेश किये गये बजट पर कहा कि राज्य का बजट दिशा विहीन, दृष्टि विहीन, नीति विहीन और नियत विहीन बजट है।
गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें कहीं भी राज्य को विकसित करने, सजाने और संवारने की सोच नहीं है। राज्य के वित्त मंत्री ने अपने तीसरे बजट में भी राज्य के युवाओं, किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ों को फिर एक छलने का काम किया है।
पूरे बजट भाषण को सुनकर यह स्पष्ट है कि यह जनता से पूछकर या जनभावनाओं के अनुरूप बनाया गया बजट नहीं है बल्कि केवल आंकड़ों की बाजीगरी और बजट पेश करने की औपचारिकता वाला बजट है।
उन्होंने कहा कि आंकड़ों में स्पष्ट है कि 2021-22 की बजट राशि 91277 करोड़ में यह सरकार अबतक 42 प्रतिशत राशि खर्च कर पाई है। यह पूरी तरह राज्य सरकार का वित्तीय कुप्रबंधन और विफलता को दर्शाता है।
इसी का परिणाम है कि राज्य का विकास दर वर्तमान वर्ष में 8.8 प्रतिशत एवं आगामी वर्ष में 6.1 प्रतिशत अनुमानित है जो कि केंद्रीय विकास दर एवम अन्य कई राज्यों के विकास दर से काफी कम है।
उन्होंने कहा कि कहा कि बजट में नई शिक्षा नीति के साथ केंद्रीय बजट के प्रावधानों के अनुरूप गति शक्ति योजना, गंगा किनारे नेचुरल फार्मिंग, सोलर एनर्जी, जल जीवन मिशन आदि पर कोई प्रावधान नहीं है।
अपने घोषणाओं के अनुरूप मेदिनीनगर, हजारीबाग, चाईबासा को उप राजधानी बनाने का कोई प्रावधान बजट में नहीं किया इस सरकार ने।
हेमंत सरकार सिर्फ बातें बनाती है, काम कुछ नहीं करती : बाबूलाल मरांडी
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार केवल बहाने बनाने में विश्वास करती है, काम कुछ नहीं कर रही है।
मरांडी ने विधानसभा में पेश बजट पर कहा कि पिछले बजट और अनुपूरक की राशि जोड़ने पर जो आंकड़ा आता है। वही इस बजट में फिर से सजाकर रख दिया गया है।
जनता को इससे विश्वास उठ चुका है। जनता परिणाम चाहती है जो कहीं दिखता नहीं। राज्य में सड़क, विजली, पानी, चिकित्सा व्यवस्था सब का अभाव है।
आदिवासियों को सुअर, मुर्गी, बकरी ख़रीदने के नाम पर केवल दिखावे के चेक देकर बहलाया जा रहा, खाते में कोई राशि ट्रांसफर नहीं हो रही। विधवा, वृद्धावस्था पेंशन सब रूका हुआ है।
उन्होंने बजट में 1000 किलोमीटर सड़क निर्माण के प्रस्ताव पर कहा कि यह सुनने में बड़ा लग रहा लेकिन एक विधानसभा क्षेत्र में दस-12 किलोमीटर सड़क से क्या होने वाला। इस बजट की घोषणाओं का वही हाल होगा जो रोजगार भत्ता, कृषि ऋण माफी योजना का हुआ।