Big action by RBI on UCO Bank: बैंकिंग रेगुलेटर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक पर बैंकिग रेगुलेशन एक्ट 1949 और उसके निर्देशों का पालन नहीं करने के चलते 2,68,30,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
आरबीआई के मुताबिक यूको बैंक पर Banking Regulation Act 1949 के सेक्शन 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन, एडवांस पर ब्याज दरों, बैंक के करंट अकाउंट्स में अनुशासन, Deposit पर ब्याज दरें और कमर्शियल बैंकों और चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्युशन के फ्रॉड क्लासिफिकेशन और उसकी रिपोर्टिंग को लेकर आरबीआई की ओर से जारी किए गए दिशानिर्देश का अनुपालन नहीं करने के चलते ये कार्रवाई की गई है।
RBI ने कहा कि उसने यह कार्रवाई उसे मिले अधिकारों के तहत की है। RBI ने बताया कि बैंक के सुपवाइजरी जांच के बाद उसे Show Cause Notice भी जारी किया गया था। बैंक को नोटिस भेजकर पूछा गया कि उस पर क्यों ना ज्यादा से ज्यादा पेनल्टी लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के जवाब के बाद आरबीआई ने पाया कि पेनल्टी लगाने की कार्रवाई होनी चाहिए, जिसके बाद बैंक पर मॉनिटरी पेनाल्टी लगाया गया।
RBI के अनुसार UCO Bank Floating Rate वाले पर्सनल रिटेल लोन और एमएसएमई को दिए लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क के साथ बेंचमार्क करने में विफल रहा है। ऐसे लोगों के करंट अकाउंट खोले गए जिसमें बैंकिंग सिस्टम का एक्सपोजर 5 करोड़ रुपये से ज्यादा था। ऐसे लोगों के नाम पर सेविंग डिपॉजिट अकाउंट्स खोले गए जो पात्रता नहीं रखते थे।
कुछ अनक्लेम्ड फिक्स्ड डिपॉजिट वाले बैलेंस को डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में एक्सपाइजरी की अवधि के तीन महीनों के भीतर ट्रांसफर करने में विफल रही है जिसके बाद ये 10 वर्षों से ज्यादा समय तक ये अनक्लेम्ड रहे।
साथ ही फ्रॉड वाले मामलों को Enforcement एजेंसियों को रिपोर्ट करने में बैंक ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। आरबीआई ने कहा कि Monetary Penalty लगाने से बैंक के खिलाफ शुरू की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा।