नई दिल्ली: कोरोना संकट के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में लगातार तेजी का माहौल बना हुआ है। सिर्फ सवा साल की अवधि में शेयर बाजार दोगुना से ज्यादा मजबूत होकर कारोबार कर रहा है।
जिसकी वजह से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) मे लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप भी बढ़कर देश के सकल घरेलू उत्पाद से भी ज्यादा हो गया है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 3 दिनों से लगातार आई तेजी के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप आज 240.60 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।
देश में कोरोना विस्फोट के वक्त 23 मार्च, 2020 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 101.86 लाख करोड़ रुपये था।
इस तरह इस सवा साल की अवधि में बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 136.21 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है।
अगर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की बात की जाए, तो 2020-21 के आंकड़ों के मुताबिक देश का जीडीपी 194.81 लाख करोड़ रुपये था।
पिछले सवा साल की अवधि में शेयर बाजार में आई तेजी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि 23 मार्च, 2020 से लेकर अभी तक अवधि में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही दोगुना से अधिक मजबूत हो चुके हैं।
23 मार्च, 2020 को सेंसेक्स 25,981 अंत के स्तर पर था, जो आज 110 फीसदी की उछाल के साथ 54,465 अंक के स्तर तक पहुंच चुका है।
इसी तरह निफ्टी भी 23 मार्च 2020 को 7,160 अंक के स्तर पर था, जो आज 114 फीसदी की छलांग लगाकर 16,290 अंक के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुका है।
हैरानी की बात ये है कि कोरोना संक्रमण की वजह से जब पूरे देश की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, कारोबार को नुकसान पहुंचा है, तब शेयर बाजार ने न केवल शानदार तेजी दिखाई है, बल्कि अपने निवेशकों को भी मालामाल कर दिया है।
जानकारों का कहना है कि घरेलू शेयर बाजार की इस तेजी की मूल वजह देश के इकोनॉमिक फंडामेंटल्स का मजबूत होना है।
ये बात जुलाई 2021 के आर्थिक आंकड़ों में भी साफ साफ झलकती है। इस महीने के दौरान मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के आंकड़ों में काफी सुधार हुआ है।
इसी तरह बेरोजगारी दर भी जून के 9.17 फीसदी से घटकर 6.95 फीसदी के स्तर पर आ गए हैं।
धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का कहना है किसबसे बड़ी बात तो ये है कि शेयर बाजार में कैश फ्लो में लगातार बढ़ोतरी हुई है।
ये स्थिति भी तब है जबकि घरेलू शेयर बाजार में साल 2021 के दौरान अभी तक 25 नए आईपीओ लॉन्च हो चुके हैं। निवेशकों का काफी पैसा इन 25 नए आईपीओ (शेयर) में भी लगा है।
इसके बावजूद शेयर बाजार के कैश फ्लो में कमी नहीं आई है। इसकी वजह से शेयर बाजार लगातार तेज हुआ है।
इसी तरह भारतीय शेयर बाजार में निवेश को लेकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भरोसा भी पहले की तुलना में बढ़ा है।
इसी भरोसे की वजह से 2021 के दौरान ये विदेशी निवेशक अभी तक 44,990 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।
जानकारों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मूलभूत तत्वों की मजबूती के कारण कोरोना संकट भी देश को आर्थिक संकट में डालने में विफल रहा।
इसी मजबूती के बल पर भारतीय बाजार पिछले सवा साल की अवधि में न केवल मजबूत हुआ है, बल्कि इसमें लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप ने भी देश के सकल घरेलू उत्पाद के स्तर को भी पीछे छोड़ दिया है।