पेट्रोल-डीजल के बाद एलपीजी गैस के बढ़ते दाम से आम आदमी का बजट बिगड़ा
नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल के दामों में आग लगने के साथ ही घरेलू गैस सिलेंडर (एलपीजी) की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने आम उपभोक्ताओं का बजट बिगाड़ कर रख दिया है।
पिछले साल मई के मुकाबले कीमतों में अभी तक प्रति सिलेंडर करीब 260 रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी है।
ज्यादा मुश्किल इसलिए बढ़ी है क्योंकि या तो उपभोक्ता को एलपीजी सब्सिडी नहीं मिल रही है या जिन्हें मिल भी रही है 20-30 रुपए।
बढ़ती महंगाई के बीच एलपीजी सब्सिडी कब से मिलेगी, कितनी मिलेगी, सरकार ने अभी भी तक स्थिति स्प्ष्ट नहीं की है।
सोनाली के परिवार में 6 सदस्य हैं। घर में 14.2 किलो का एलपीजी सिलेंडर महीने भर से ज्यादा नहीं चल पाता।
साल भर पहले जो सिलेंडर करीब 590 रुपए का मिल रहा था अब उसकी कीमत करीब 850 रुपए है।
कीमतें आगे न भी बढ़े तो भी उनके खर्च में सालाना 3000 रुपए से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है वो भी सिर्फ एलपीजी पर। जेब पर पेट्रोल-डीजल की महंगाई ने जो बोझ डाला है वो अलग।
सोनाली की मानें तो घर का बजट एकदम हिल गया है। कमाई घटती जा रही है औऱ खर्चे लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
एलपीजी की महंगाई ने ज्यादा मुश्किल इसलिए बढाई है क्योंकि पिछले साल भर से भी ज्यादा समय से कंज्यूमर सब्सिडी का इंतजार कर रहे हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो मार्च 2020 में डोमेस्टिक एलपीजी पर प्रति सिलेंडर करीब 231 रुपए की सब्सिडी थी।
मई 2020 में कीमतों में कटौती हुई जिससे सब्सिडी और गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर के बीच गैप लगभग ख़त्म हो गया पर उसके बाद जब कीमतें बढ़ी तो सब्सिडी कितनी मिलेगी अभी भी स्पष्ट नहीं है।
जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट जैसे पहाड़ी इलाकों को छोड़कर उपभोक्ता को सब्सिडी नहीं मिल रही। जिन्हें मिल भी रही है उन्हें केवल 20-30 रुपए ही मिल रहे है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो सब्सिडी भुगतान को लेकर अभी भी वित्त मंत्रालय से निर्देश नहीं मिले हैं।
सब्सिडी को लेकर दुविधा बनी हुई है ऐसे में घरेलू गैस के बढ़ते दामों ने आम आदमी का जीवन दूभर कर दिया है।