Fastag-NCMC: FASTag और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड(NCMC) के यूजर्स अब Balance उनकी ओर से तय सीमा से नीचे जाने पर ऑटोमेटिकली पैसा ऐड कर सकेंगे। Recurring Payment Mechanism के जरिए ऐसा होगा।
RBI के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) के निर्णय की जानकारी देते हुए शुक्रवार को कहा, ‘‘ ‘E-mandate’यानी भुगतान के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से मंजूरी के तहत अभी दैनिक, साप्ताहिक, मासिक आदि जैसे निश्चित अवधि वाली सुविधाओं के लिए निश्चित समय पर ग्राहक के खाते से भुगतान स्वयं हो जाता है।
अब इसमें ऐसी सुविधाओं व मंचों को जोड़ा जा रहा है जिनके लिए भुगतान का कोई समय तय नहीं है जबकि भुगतान जमा राशि कम होने पर किया जाता है।”
E-mandate ग्राहकों के लिए RBI द्वारा शुरू की गई एक डिजिटल भुगतान सेवा है। इसकी शुरुआत 10 जनवरी, 2020 को की गई थी। RBI की ओर से जारी बयान के अनुसार, मौजूदा E-mandate ढांचे के तहत ग्राहक के खाते से पैसे निकालने से कम से कम 24 घंटे पहले इसकी सूचना देने की आवश्यकता होती है।
E-mandate ढांचे के तहत फास्टैग, एनसीएमसी आदि में स्वचालित भुगतान के लिए ग्राहक के खाते से किए गए भुगतान के लिए इस आवश्यकता से छूट देने का प्रस्ताव है।
साथ ही RBI ने यूपीआई लाइट को ‘E-mandate’ ढांचे के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा है। बयान में कहा गया, UPI लाइट सुविधा वर्तमान में ग्राहक को अपने यूपीआई लाइट वॉलेट में 2,000 रुपये तक रखने और वॉलेट से 500 रुपये तक का भुगतान करने की अनुमति देती है।
दास ने कहा, ‘‘ ग्राहकों को UPI लाइट का निर्बाध उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए, और विभिन्न हितधारकों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर ग्राहक द्वारा UPI लाइट वॉलेट में पैसे डालने के लिए ‘ऑटो-रिप्लेनिशमेंट’ (स्वतः पुनःपूर्ति) सुविधा शुरू करके UPI लाइट को ‘ई-मैंडेट’ ढांचे के दायरे में लाने का प्रस्ताव है, यदि शेष राशि उसके द्वारा निर्धारित सीमा से कम हो जाती है।”
RBI के अनुसार, चूंकि धनराशि ग्राहक के पास ही रहती है (धनराशि उसके खाते से Wallet में चली जाती है) इसलिए अतिरिक्त प्रमाणीकरण या खाते से पैसे निकालने से पहले जानकारी देने की आवश्यकता को समाप्त करने का प्रस्ताव है। उपरोक्त प्रस्ताव के संबंध में संबंधित दिशा-निर्देश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।