नई दिल्ली: पेट्रोलियम उत्पादों की जरूरत पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करने वाले भारत जैसे पेट्रोलियम आयातक देशों के लिए एकबार फिर परेशानी बढ़ती नजर आ रही है।
मैक्सिको की खाड़ी के तेल कुओं की दुर्घटना और इडा तूफान के झटकों की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (क्रूड आयल) की कीमत लगातार चौथे सप्ताह की तेजी का रुख दिखा रही है।
कीमत में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से पिछले चार सप्ताह के दौरान कच्चे तेल की कीमत में प्रति बैरल 10 डॉलर से अधिक की तेजी आ चुकी है।
आपको बता दें कि अगस्त के महीने में मेक्सिको की खाड़ी में स्थित ऑयल कंपनी पेट्रोलियोस मैक्सिकानोस पेमेक्स के एक कच्चे तेल के प्लेटफार्म पर आग लग जाने की वजह से बड़ा हादसा हो गया था, जिसकी वजह से ऑयल प्लेटफॉर्म के निकटवर्ती सभी 125 तेल कुओं से कच्चे तले का उत्पादन बंद करना पड़ा।
इस हादसे से मैक्सिको की खाड़ी से होने वाला कच्चे तेल का उत्पादन उबरा भी नहीं था कि चक्रवाती तूफान इडा ने मैक्सिको की खाड़ी से होने वाले तेल उत्पादन को लगभग पूरी तरह से ठप कर दिया।
अभी भी यहां के सभी ऑयल प्लेटफॉर्म्स को सुचारू तरीके से चालू नहीं किया जा सका है।
जिसकी वजह से यहां से कच्चे तेल के औसत दैनिक उत्पादन में करीब 4.25 लाख बैरल की कमी आ गई है।
दूसरी ओर कोरोना संक्रमण का कहर कम होने के बाद दुनिया भर में कारोबारी गतिविधियां पटरी पर लौटने लगी हैं।
जिसकी वजह से पेट्रोलियम उत्पादों की मांग पूरी दुनिया में लगातार बढ़ रही है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमत भी कुलांचे भरते हुए ऊपर जाने लगी हैं।
अगस्त के महीने में 65.28 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहा ब्रेंट क्रूड एक बार फिर 75.34 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया है।
पिछले शुक्रवार को ही ब्रेंट क्रूड 72.92 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर बंद हुआ था। लेकिन इस कारोबारी सप्ताह में इसकी कीमत 2.42 डॉलर की तेजी के साथ 75.34 डॉलर के स्तर पर पहुंच गई है।
कच्चे तेल की कीमत में इस तेजी के बावजूद भारतीय उपभोक्ताओं के लिहाज से राहत की बात यही है कि भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत स्थिर बनी हुई है।
जानकारों का कहना है कि मौजूदा कारोबारी सप्ताह में भी मैक्सिको की खाड़ी से कच्चे तेल के उत्पादन में व्यवधान आने की आशंका बनी हुई है।
हालांकि यहां की ऑयल कंपनी पेट्रोलियोस मैक्सिकानोस पेमेक्स का दावा है कि अगले कारोबारी सप्ताह से सभी ऑयल प्लेटफॉर्म्स से कच्चे तेल का उत्पादन सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा।
इसके साथ ही इस कंपनी ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि हादसा और चक्रवाती तूफान की वजह से कच्चे तेल के उत्पादन में आई कमी को आने वाले दिनों में उत्पादन बढ़ाकर पूरा किया जाएगा।
जानकारों का कहना है कि अगर मैक्सिको की खाड़ी में कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी होती है और ऑयल कंपनी पेट्रोलियोस मैक्सिकानोस पेमेक्स अपने उत्पादन में बढ़ोतरी करती है, तो इससे एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की आवक बढ़ जाएगी, जिससे कि कच्चे तेल की कीमत में गिरावट का रुख बन सकता है।
हालांकि जब तक कच्चे तेल की कीमत में गिरावट नहीं आती, तब तक भारत जैसे कच्चे तेल के आयातक देशों की परेशानी बढ़ी रहेगी।