नई दिल्ली: देश के ईंधन बाजार में छह और निजी कंपनियां दस्तक देने की तैयारी में है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही इन कंपनियों को सरकार से पेट्रोल-डजील बेचने की अनुमति मिल सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, जिन कंपनियां को पेट्रोल-डीजल बेचने की अनुमति मिलने वाली है उनके नाम हैं आईएमसी , ऑनसाइट एनर्जी, असम गैस कंपनी, एमके एग्रोटेक, आरबीएमएल सॉल्यूशंस इंडिया, मानस एग्रो इंडस्ट्रीज और इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड।
इन कंपनियों द्वारा प्रचालन शुरू करने के बाद ईंधन बाजार में कुल 14 कंपनियां काम करने लगेंगी।
इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि साल 2019 में संशोधित मार्केट ट्रांसपोर्टेशन फ्यूल्स नियमों के आधार पर निजी कंपनियों को ईंधन बाजार में कारोबार करने की अनुमति दी गई है।
उम्मीद है कि इससे पेट्रोलियम रिटेल बिजनेस में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे उपभोक्तओं को फायदा होगा।
सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक, नए लाइसेंस उन कंपनियों को दिए गए थे, जिनकी न्यूनतम नेटवर्थ 250 करोड़ रुपये थी।
साथ ही कंपनियों को 2000 करोड़ रुपये के निवेश से इसकी शुरुआत करनी होगी।
साल 2019 के नियमों के मुताबिक लाइसेंस मिलने के 5 साल के अंदर कंपनियों को कम से कम 100 रिटेल आउटलेट्स तैयार करने होंगे, जिसमें से 5 फीसदी दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में होने चाहिए।
ईंधन बाजार पर मौजूदा समय में देश की सरकारी कंपनियों का कब्जा है।
अभी 90 फीसी पेट्रोल पंप के कारोबार पर सरकार कंपनियों का कब्जा है, बाकी आरआईएल और नायरा इएर्जी और शेल के पास है।
इन कंपनियों के आने से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और ग्रामीण इलाकों में पेट्रेाल पंप के जरिये ईंधन की आपूर्ति संभव हो पाएगी।