नई दिल्ली: कोरोना महामारी के डर से लोगों द्वारा रैस्टोरेंट में न जाने और घर पर ही खाना मंगवाने के रुझान के चलते रैस्टोरैंट्स की चेन के डायरेक्ट डिलीवरी कारोबार में पिछले दो महीने में 15 से लेकर 25 प्रतिशत का उछाल आया है।
ग्राहकों द्वारा इतनी बड़ी संख्या में किए जा रहे सीधे आर्डर से उत्साहित इन बड़े रैस्टोरैंट चेंस ने अब स्विगी और जोमेटो के अलावा विकल्प के तौर पर अपने डायरैक्ट होम डिलीवरी कारोबार को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
रैस्टोरैंट्स का अनुमान है कि लंबे लॉकडाऊन के बाद अब स्थितियां सामान्य होने पर भी रैस्टोरेंट में आकर खाना खाने से बचेंगे। यह अंदर से बंद होते हैं। इसके अलावा फिलहाल निकट भविष्य में बार में भी कारोबार मंदा ही रहने वाला है।
दरअसल रैस्टोरैंट से ग्राहक के घर तक खाना पहुंचाने वाले स्विगी और जोमेटो जैसे एप्स का कमीशन कई मामलों में 30 प्रतिशत तक चला जाता है जबकि डॉट पे और थ्राइव नाओ जैसे टैक्निकल पार्टनर 3 प्रतिशत तक कमीशन लेते हैं।
रैस्टोरैंट मालिकों को लगने लगा है कि बिचौलिए एप्स को दिए जा रहे कमीशन के चलते उनका मुनाफा लगातार कम हो रहा है और इतने कम मुनाफे के साथ उनका अपना कारोबार लंबा नहीं चल पाएगा लिहाजा देश में कोरोना काल में रैस्टोरैंट चेंस ने इन एप्स का विकल्प खोजते हुए डायरैक्ट डिलीवरी का काम शुरू किया और अब यह कारोबार अच्छा चलने लगा है। हालांकि इस मामले में स्विगी और जोमेटो की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।