नई दिल्ली: बीते दो महीने से लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था अस्तव्यस्त है। जिसके कारण एक बार फिर बड़ी संख्सा में लोगों की नौकरियां जाने का खतरा है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण देश के लगभग सभी राज्यों में हुए लॉकडाउन ने पिछले 60 दिनों में भारत के घरेलू व्यापार को लगभग 15 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि गंभीर वित्तीय संकट के चलते देश भर के व्यापारी पहली बार अपने कर्मचारियों की संख्या को कम करने पर विचार कर रहे हैं।
पिछले वर्ष और इस वर्ष लॉक डाउन के कारण व्यापार में बेहद कमी, मेडिकल खर्चों में अप्रत्याशित वृद्धि और आय के सभी स्रोतों के बंद हो जाने से व्यापारी अब मासिक खर्चों की क्षमता को वहन कर पाने की स्तिथि में नहीं हैं।
यदि ऐसा होता है तो यह बेरोजगारी के आंकड़ों में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश राज्यों में कैट की राज्य स्तरीय कमेटी व अन्य अनेक प्रदेश स्तरीय प्रमुख व्यापारी संगठनों से प्राप्त जानकारी के आधार पर पिछले दो महीने में कोरोना के कारण देश के आंतरिक व्यापार को लगभग 15 लाख करोड़ के व्यापार का नुकसान हुआ है, जो काफी बड़ा नुकसान है।
देश में प्रति वर्ष लगभग 115 लाख करोड़ का घरेलू व्यापार होता है।
देश में लगभग 8 करोड़ छोटे व्यवसाय हैं जो व्यापारिक गतिविधियों में शामिल हैं जो लगभग 40 करोड़ लोगों को अजीविका देते हैं वहीं दूसरी तरफ विभिन्न अन्य वर्गों के लाखों लोग अपनी आजीविका कमाने के लिए व्यापारिक समुदाय पर निर्भर हैं।