नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिए भारत और फिजी के बीच पांच साल के समझौते के लिए अपनी मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा दी गई मंजूरी के अनुसार, समझौता ज्ञापन (एमओयू) भारत के कृषि मंत्रालय और किसान कल्याण और फिजी के कृषि मंत्रालय के बीच होगा।
भारत और फिजी के बीच समझौता ज्ञापन में कई क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करने का प्रावधान है, जिनमें अनुसंधान कर्मियों, विज्ञान विशेषज्ञों, विशेषज्ञों और तकनीकी प्रशिक्षुओं का आदान-प्रदान, प्रौद्योगिकी का संवर्धन और हस्तांतरण, कृषि विकास के लिए अवसंरचना का विकास, सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित करके अधिकारियों और किसानों के प्रशिक्षण के माध्यम से मानव संसाधन का विकास, दोनों देशों के निजी क्षेत्रों के बीच संयुक्त उद्यमों को बढ़ावा देना शामिल है।
इसके अलावा कृषि वस्तुओं के विपणन और मूल्य संवर्धन/डाउनस्ट्रीम प्रसंस्करण में निवेश को बढ़ावा देना, कृषि के सभी क्षेत्रों में क्षमता विकास को बढ़ावा देना, बाजार तक पहुंच के माध्यम से कृषि उत्पादों के प्रत्यक्ष व्यापार को बढ़ावा देना, अनुसंधान प्रस्तावों की संयुक्त योजना और विकास तथा अनुसंधान परियोजनाओं और कार्यक्रमों का कार्यान्वयन भी शामिल है।
संधि के अनुसार, पादप स्वच्छता के मुद्दों से निपटने के लिए भारत-फिजी कार्यकारी समूह का गठन और दोनों पक्षों की आपसी सहमति के आधार पर सहयोग का कोई अन्य रूप भी शामिल किया गया है।
समझौता ज्ञापन के तहत, दोनों देशों की कार्यकारी एजेंसियों के माध्यम से एक संयुक्त कार्यकारी समूह (जेडब्ल्यूजी) का गठन किया जाएगा, जो अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रक्रियाओं को अंतिम रूप देगा और सहयोग-कार्यक्रमों की योजना बनाएगा और इनकी सिफारिश करेगा।
जेडब्ल्यूजी प्रत्येक दो साल में बारी-बारी से भारत और फिजी में अपनी बैठक करेगा। यह समझौता ज्ञापन, हस्ताक्षर किए जाने की तारीख से प्रभावी होगा और पांच वर्षों की अवधि तक लागू रहेगा।