पटना: बिहार की सत्ता पर फिर से काबिज नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कवायद तेज हो गई है।
नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार इस महीने तय माना जा रहा है।
इस बीच, राजग में इसे लेकर सहमति बनाने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार जहां दिग्गजों के पत्ता कटने की संभावना है वहीं युवाओं को तरजीह मिलने के आसार हैं।
इस दौरान माना जा रहा है कि भाजपा और जदयू दोनों दल मंत्रिमंडल विस्तार में सामाजिक समीकरणों और क्षेत्रीय समीकरणों को भी साधने की कोशिश करेंगे।
मौजूदा नीतीश मंत्रिमंडल में कुल मंत्रियों की बात करें तो उनकी संख्या 13 है। बिहार में 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
कहा जा रहा है कि भाजपा कोटे से 12 या 13 मंत्री और इसमें शामिल हो सकते हैं।
विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद 16 नवंबर 2020 को नीतीश कुमार ने 14 मंत्रियों के साथ शपथ लेकर मंत्रिमंडल का गठन किया था, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप के कारण बाद में मेवालाल चौधरी को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
इस बीच मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजग में पेंच फंसता रहा, लेकिन सूत्रों का दावा है कि अब पेंच सुलझा लिया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दो दिन पूर्व इस संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कहा था कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर लिया जाएगा।
इसके बाद से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कवायद प्रारंभ है।
मंत्रिमंडल विस्तार में तय है कि राजग के घटक दल विकासशील इंसान पार्टी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेताओं को इस विस्तार में जगह नहीं मिलेगी।
भाजपा के रणनीतिकार इस बार मंत्रिमंड़ल में शामिल किए जाने वाले अपने कोटे के मंत्रियों की पूरी समीक्षा कर रहे हैं। सभी समीकरण को ध्यान में रखकर फाइनल सूची तैयार की जा रही है।
भाजपा के सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में भी भाजपा की तरफ से नए चेहरे रहने की उम्मीद है।
अधिकांश दिग्गजों का पत्ता साफ होने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में शीर्ष नेताओं की बातचीत में भाजपा कोटे के मंत्रियों की सूची पर बुधवार को मुहर लग जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि विधान परिषद उपचुनाव के लिए नामांकन भर चुके शाहनवाज हुसैन का मंत्री बनना तय माना जा रहा है, वहीं सम्राट चौधरी, नीतीश मिश्रा, प्रमेाद कुमार, कृष्ण कुमार ऋषि मंत्री बनने की दौड़ में आगे चल रहे हैं।
भाजपा सीमांचल और मिथिलांचल को अपने कोटे में ज्यादा स्थाान दे सकती है।
इधर, जदयू की मानें तो मदन सहनी, बीमा भारती, दामोदर रावत को मंत्री पद मिल सकता है।
इसके अलावा नीतीश मंत्रिमंडल में श्रवण कुमार, सुनील कुमार और महेश्वर हजारी के भी शामिल होने की संभावना है।
बहरहाल, इतना तय है कि मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए भाजपा और जदयू अपना क्षेत्रीय और सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश करेंगे।
भाजपा इस बार राजग में सबसे अधिक सीट लाकर बड़ी भूमिका में है, ऐसे में वह कोई भी क्षेत्र छोड़ने के मूड में नहीं है।