नई दिल्ली: केन्द्र सरकार (Central Government) ने सहकार से समृद्धि और ग्रामीण क्षेत्र (Country Side) में कृषकों की आय बढ़ाने के लिए तीन नए सरकारी सहकारी संघ (Government Cooperative Union) बनाने का फैसला किया है।
बीजों, जैविक उत्पादों और निर्यात के लिए इन तीन क्षेत्रों में बहुराज्यीय सहकारी समितियां बनायी जायेंगी।
PM नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज (MSCS) एक्ट, 2002 के तहत बीज, जैविक उत्पाद और निर्यात से जुड़ी एक-एक राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी समितियां के स्थापना को मंजूरी दी।
ग्रामीण कृषि क्षेत्र की आय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव (Bhupendra Yadav) ने दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में पत्रकार वार्ता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण कृषि क्षेत्र (Rural Agriculture Sector) की आय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना और देश के कृषि उत्पाद का निर्यात में वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि इन सहकारी समितियों से उपज अंतराल को कम करने और उत्पादकता (Productivity) बढ़ाने में मदद मिलेगी। जैविक उत्पादों के एकत्रीकरण, खरीद, ब्रांडिंग और विपणन के लिए एक संगठन तैयार होगा।
साथ ही सहकारी समितियों (Co-Operative Societies) के समावेशी विकास मॉडल के माध्यम से ‘सहकार-से-समृद्धि’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
इन सहकारी समितियों में प्राथमिक से राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियां सदस्य बन सकती हैं। इनमें प्राथमिक समितियाँ (Primary Committees), जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के संघ और बहु राज्य सहकारी समितियाँ शामिल हैं।
इन सभी सहकारी समितियों के उपनियमों के अनुसार सोसायटी के बोर्ड में उनके निर्वाचित प्रतिनिधि होंगे।
बीज प्रतिस्थापन दर और किस्म प्रतिस्थापन दर को बढ़ावा
बीज से जुड़ी सहकारी समिति गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन, खरीद, प्रसंस्करण, ब्रांडिंग, लेबलिंग, पैकेजिंग, भंडारण, विपणन और वितरण सहित सामरिक अनुसंधान एवं विकास और स्वदेशी प्राकृतिक बीजों के संरक्षण व संवर्धन के लिए एक प्रणाली विकसित करने के लिए एक शीर्ष संगठन के रूप में कार्य करेगी।
यह बीज प्रतिस्थापन दर (SRR) और किस्म प्रतिस्थापन दर (VRR) को बढ़ावा देगी और उपज अंतराल को कम करने व उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगी।
जैविक से जुड़ी सहकारी समिति प्रासंगिक केंद्रीय मंत्रालयों के समर्थन से एकत्रीकरण, खरीद, प्रमाणन, परीक्षण, ब्रांडिंग और जैविक उत्पादों के विपणन के लिए एक अंब्रेला संगठन का कार्य करेगी।
वहीं निर्यात से जुड़ी समिति प्रासंगिक Central Ministries के समर्थन से देश भर में विभिन्न सहकारी समितियों द्वारा उत्पादित अधिशेष वस्तुओं व सेवाओं के निर्यात के लिए एक अंब्रेला संगठन के रूप में कार्य करेगी।