नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश में 133 किलोमीटर लम्बी नीमच-रतलाम और गुजरात में 111 किलोमीटर लम्बी राजकोट-कानालुस रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी है।
दोनों ही परियोजनाओं को अगले चार सालों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में संवाददाता सम्मेलन में मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे के दो महत्वपूर्ण प्रकल्पों को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि पहला प्रकल्प मध्य प्रदेश में नीमच-रतलाम रेलवे लाइन के दोहरीकरण का है।
यह एक औद्योगिकी क्षेत्र है और सिंगल लाइन होने के कारण वहां ट्रैफिक अधिक रहता है।
उन्होंने कहा कि 132.92 किलोमीटर लम्बी इस लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी गई है। इस पर 1,095.88 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्थित सीमेंट, टेक्सटाइल और पर्यटन उद्योग के साथ अन्य यातायात की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए दोहरीकरण बहुत महत्वपूर्ण था।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने 1,080.58 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से राजकोट-कानालुस रेलवे लाइन के दोहरीकरण को भी मंजूरी दी है।
111 किलोमीटर की इस रेलवे लाइन पर एक हजार 80 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह द्वारका, पोरबंदर, सिक्का, औखा आदि क्षेत्रों से गुजरेगी। उन्होंने कहा कि यह यहां नई संभावनाएं खोजेगी।
ठाकुर ने कहा कि इन दोनों रेलवे लाइनों के बनने से जहां एक ओर मालगाड़ी और यात्री गाड़ियों की दृष्टि से बहुत लाभ मिलेगा।