न्यूज़ अरोमा कोडरमा: धनतेरस के दिन लोग झाड़ू जरूर खरीदते हैं, चूँकि, झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इससे दरिद्रता का नाश होता है।
मान्यता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने पर घर में सकारात्मकता का संचार होता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
धनतेरस पर गुरुवार को बाज़ार में झाड़ू से लेकर सोने-चांदी की खरीद-बिक्री खूब हुई। वहीं इस शुभ मौके पर माइका-माइंस क्षेत्र के माइका पर आश्रित 4 परिवारों ने अपनी आय बढ़ाने एवं घर में समृद्धि लाने के लिए बकरियां खरीदी।
जिले में शायद पहली बार धनतेरस के दिन आय बढ़ाने वाले साक्षात पशुधन की खरीद की गई है। इस सोच के साथ कि ये हमारे घर एवं परिवार को सदैव आय वृद्धि में सहायक होगी।
कोरोना महामारी और आर्थिक सुस्ती के कारण लोगों के पास खाने-पीने की भरी कमी हो गयी है। लोगों के पास बाहरी आय का आना पूरी तरह बंद हो गया है। ऐसे में लोगों ने आय उपार्जन का विकल्प तलाशना शुरू किया।
फिर लोगों ने संस्था समर्पण से संपर्क स्थापित किया।
समर्पण, बीजेयुपी एवं आरएमई के द्वारा संचालित सामुदायिक सशक्तीकरण परियोजना के सहयोग से 4 जरूरतमंद लाभुकों क्रमश: लाभुक मुनिया मसोमात, ईश्वर भुईया, मालो देवी, बबीता मसोमात ने बीघा बाजार, चौपारण जाकर अपनी पसंद से बकरियों की खरीद किया।
खरीदने के पूर्व पशु स्वास्थ्यकर्मी सुमन कुमार मेहता के द्वारा सभी बकरियों का स्वास्थ्य जांच किया गया। ख़रीदारी में सहयोग करने के लिए परियोजना समन्वयक वीर द्रविड कुमार, राजन कुमार विश्वकर्मा उपस्थित थे।