कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) के न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने गुरुवार को सामूहिक बलात्कार की शिकार (Gang Rape Victim) एक नाबालिग लड़की की गर्भावस्था को समाप्त करने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए मेडिकल बोर्ड के तत्काल गठन का निर्देश दिया।
जस्टिस भट्टाचार्य ने 24 घंटे के अंदर चार विशेषज्ञों का मेडिकल बोर्ड (Medical Board) गठित करने का निर्देश दिया, जो 48 घंटे के अंदर पीड़िता की मेडिकल जांच करेगा।
21 अगस्त को दोबारा होगी सुनवाई
न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने यह भी निर्देश दिया है कि चार मेडिकल टीम में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और बाल रोग विशेषज्ञ होना चाहिए।
इस मामले पर 21 अगस्त को दोबारा सुनवाई होगी और मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट गर्भपात का फैसला लेगी। 11 साल की नाबालिग पीड़िता 23 महीने की गर्भवती है।
कानूनी मानदंडों के अनुसार, यदि गर्भावस्था 20 सप्ताह या उससे कम है, तो चिकित्सक गर्भपात (Abortion) का निर्णय ले सकते हैं।
फिलहाल तीनों आरोपी बाल सुधार गृह में
चूंकि इस मामले में अवधि पार हो चुकी है, इसलिए पीड़िता के माता-पिता ने गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति के लिए Calcutta High Court का दरवाजा खटखटाया है।
नाबालिग लड़की अपने मोहल्ले में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हो गई और गर्भवती हो गई। गर्भावस्था (Pregnancy) के लक्षण स्पष्ट होने के बाद ही उसके माता-पिता को इसका पता चला। लेकिन तब तक काफी समय बीत चुका था।
इसके बाद, उन्होंने स्थानीय पुलिस को सूचित किया, जिसने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जो नाबालिग थे। फिलहाल तीनों आरोपी बाल सुधार गृह (Juvenile Home) में हैं।