पटना/मुजफ्फरपुर: डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली (Documentary Film Kaali) के पोस्टर को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी इसका कड़ा विरोध हो रहा है।
लोगों का कहना है कि फिल्म निर्माता धार्मिक भावनाओं (religious sentiments) को ठेस पहुंचा रहे हैं। इस बीच बिहार के मुजफ्फरपुर में फिल्म काली के निर्माता-निर्देशक और एडिटर पर परिवाद दायर किया गया है।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा (Advocate Sudhir Kumar Ojha) ने यह परिवाद दायर किया है। उन्होंने आपराधिक मुकदमा के तहत परिवाद दायर किया है। इसमें धारा 295, 297, 298 के तहत हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है।
अगली सुनवाई के लिए 16 जुलाई की तिथि निर्धारित
मामले को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 16 जुलाई को सुनवाई की तिथि मुकर्रर की है। इसमें अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बताया की विदेश में बैठकर इस फिल्म को बनाया और विभिन्न सोशल साइट के जरिए जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस फिल्म के पोस्टर में मां काली को धुम्रपान करते दिखलाया गया है। यह हिंदुओं के भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला और आहत करने वाला कृत्य है।
इसलिए अदालत से निर्माता, निर्देशक और फिल्म के लेखक (film writer) के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई के लिए 16 जुलाई की तिथि निर्धारित की है ।