Cashless Treatment During Golden Hour: सड़क हादसों में घायल लोगों के लिए मोदी सरकार (Modi Government) ने शुरू की बड़ी सुविधा। गोल्डन आवर (First Hour) के दौरान Cashless Treatment के जरिये जान बचाने के अभियान में सरकार एक कदम आगे बढ़ी है।
इसके तहत केंद्र सरकार ने गुरुवार से चंडीगढ़ से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कैशलेस इलाज शुरू कर दिया है। अब कैशलेस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा। इससे तहत सड़क हादसे में घायलों को 1.5 लाख रुपये तक मुफ्त इजाल मिलेगा।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, परियोजना का उद्देश्य सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को समय पर इलाज देना है।
इसमें किसी भी वाहन से हादसा होने पर घायलों को मुफ्त इलाज दिया जाएगा। इसमें घायल सात दिन तक निजी अस्पताल, नर्सिंग होम में भर्ती होकर अपना इलाज करा सकेंगे।
इसमें अधिकतम राशि 1.5 लाख रुपये तक होगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने पुलिस, अस्पतालों और राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA) से समन्वय कर काम शुरू किया गया है।
दुर्घटना के पहले एक घंटे में त्वरित इलाज मिलने से कुल मौतों में से 50 फीसदी तक को बचाया जा सकता है। मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में देश में सड़क हादसो में 1.68 लाख मौतें दर्ज की गईं, जो सबसे अधिक है।
सड़क दुर्घटना के लगभग 97 फीसदी मामलों में औसत इलाज पर खर्च लगभग 60,000 रुपये है। शेष पीडितों को लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहने और गहन देखभाल की आवश्यकता होती है।
21 हजार निजी अस्पताल सूचीबद्ध
सरकार ने घायलों को हादसों के पहले एक घंटे (गोल्डन आवर) के भीतर Cashless Treatment के लिए देश के 21 हजार निजी अस्पताल-नर्सिंग होम को सूचीबद्ध किया है। घायलों की मदद के लिए NHAI Helpline Number 1033 पर मदद मांगी जा सकेगी। यह सुविधा तत्काल उपलब्ध होगी।