दो चरणों में होगा सर्वे
पटना : पूरे बिहार में आज से जाति आधारित गणना शुरू हो गई है। यह गणना दो चरणों में होगी। पहले चरण का कार्य शनिवार से शुरू हो गया है। पटना में 12696 लोग गणना करेंगे। 2000 से अधिक सुपरवाइजर मॉनिटरिंग करेंगे। इसकी जानकारी पटना जिलाधिकारी ने दी।
मकानों को दिया जाएगा यूनिक नंबर
उन्होंने कहा कि लोगों का बेहतर रिस्पांस मिला रहा है। सभी प्रशिक्षित कर्मियों को गणना के लिए लगाया गया है। इसके तहत अगले 15 दिनों तक मकानों पर संख्या अंकित करने का काम होगा। इसके लिए वार्ड स्तर पर नजरी नक्शा तैयार किया गया है। मकानों पर संख्या अंकित करने का काम वार्ड के उत्तर-पश्चिम हिस्से के शुरू होगा। प्रगणक घड़ी की सूइयों की विपरीत दिशा (एंटी क्लाक वाइज) घूमेंगे। फिर संख्या अंकित करने का काम पूरा कर वहीं पहुंच जाएंगे, जहां से उन्होंने शुरू किया था। बाद के दिनों में मकानों पर दिए गए यही नंबर संबंधित व्यक्ति के स्थायी पते के रूप में जाने जाएंगे। नंबर दिए जाने की पूरी प्रक्रिया इस माह के अंत तक पूरी कर लिए जाने का लक्ष्य तय किया गया है।
जातीय जनगणना कराने से क्या मिलेगा फायदा, विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश से किया सवाल
बिहार के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने जातीय जनगणना को लेकर कहा कि देश आजादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है। बहुत लोगों ने अपनी सत्ता और राजनीति के लिए अधिकार की बात की। देश के प्रधानमंत्री सबका साथ सबका विकास की बात की। 1931 के बाद किसी ने जातीय जनगणना के बारे में कोई चर्चा नहीं की।
सीएम नीतीश के नियत में खोट-विजय सिन्हा
पहले नीतीश कुमार के बड़े भाई जातीय उन्माद फैलाकर जातीय संघर्ष कराते थे। आप उसी राह पर क्यों आगे बढ़ गए। जातीय जनगणना कराने से क्या फायदा मिलेगा? जातीय जनगणना में 500 करोड़ खर्च किया जा रहा है। इन पैसे को गरीब लोगों के कल्याण में लगाना चाहिए, जो मजदूर बिहार से पलायन कर बाहर जाते हैं। जातीय जनगणना पर सभी दलों को एक साथ बैठा कर इस पर चर्चा कीजिए। किस तरीके से जातीय जनगणना कराया जाए, अगर आप नहीं ऐसा कर रहे हैं तो आपके नियत में खोट है।