नई दिल्ली: रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने सोमवार को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए गुजरात के नवसारी कास्टिंग यार्ड में 40 मीटर स्पैन के एक और फुल स्पैन प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट (पीएससी) बॉक्स गर्डर की कास्टिंग का शुभारंभ किया।
पिछले महीने 28 अक्टूबर को गुजरात के आणंद में कास्टिंग यार्ड में पहले फुल स्पैन गर्डर की कास्टिंग की गई थी। इस अवसर पर दर्शना जरदोश ने एनएचएसआरसीएल व एलएंडटी को बधाई देते हुए कहा, “जब देश कोरोना से जूझ रहा था तब भी एनएचएसआरसीएल और एलएंडटी ने कोरोना संबंधित सुरक्षा अपनाते हुए जोर शोर से काम जारी रखा तथा इस प्रोजेक्ट को आज इस मुकाम तक पहुंचाया।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रोजेक्ट पर काम बहुत तेजी से चल रहा है और जल्दी ही यह इंफ्रास्ट्रक्चर दिखाई देने लगेगा। 40 मीटर स्पैन का पीएससी बॉक्स गर्डर का वजन लगभग 970 मीट्रिक टन है, जो भारत के निर्माण उद्योग में सबसे भारी पीएससी बॉक्स गर्डर होगा।
40 मीटर स्पैन गर्डर को सिंगल पीस के रूप में कास्ट किया जा रहा है यानी बिना किसी निर्माण जोड़ के जिसमें 390 घन मीटर कंक्रीट और 42 मीट्रिक टन स्टील शामिल है।
वायडक्ट के निर्माण में तेजी लाने के लिए सबस्ट्रक्चर और सुपरस्ट्रक्चर का निर्माण समानांतर में किया गया है। सबस्ट्रक्चर यानी पाइल, पाइल कैप, पियर और पियर कैप का काम प्रगति पर है।
सुपरस्ट्रक्चर के लिए फुल स्पैन गर्डर्स और सेगमेंटल गर्डर्स को कास्ट करने के लिए संरेखण के साथ कास्टिंग यार्ड विकसित किया गया है ताकि उन्हें कास्ट पियर कैप्स पर भारी मशीनों का उपयोग करके लॉन्च किया जा सके।
सुपरस्ट्रक्चर के लिए अधिकांश गर्डर 30,35 और 40 मीटर लंबे पूरे स्पैन के होंगे। हालांकि उन स्थानों के लिए जहां साइट की कमी है, प्रीकास्ट सेगमेंट के सेगमेंटल लॉन्चिंग का उपयोग किया जाएगा।
सेगमेंटल गर्डर की तुलना में फुल स्पैन गर्डर को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि फुल स्पैन गर्डर लॉन्चिंग प्रगति सेगमेंटल गर्डर लॉन्चिंग की तुलना में सात गुना तेज होती है।
गर्डरों की कास्टिंग के लिए संरेखण के साथ-साथ 23 कास्टिंग यार्ड विकसित किए जा रहे हैं। प्रत्येक कास्टिंग यार्ड आवश्यकता के अनुसार 16 से 93 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और हाई-स्पीड रेल एलाइनमेंट के निकट स्थित है।
गुणवत्ता के साथ गर्डरों की शीघ्र कास्टिंग के लिए, प्रत्येक कास्टिंग यार्ड में रिबर केज बनाने के लिए जिग्स, हाइड्रोलिक रूप से संचालित प्री-फैब्रिकेटेड मोल्ड्स के साथ कास्टिंग बेड, बैचिंग प्लांट, एग्रीगेट स्टैकिंग एरिया, सीमेंट साइलो, गुणवत्ता प्रयोगशाला और वर्कमैन कैंप जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं।
फुल स्पैन प्री-कास्ट बॉक्स गर्डर्स को स्ट्रैडल कैरियर, ब्रिज लॉन्चिंग गैन्ट्री, गर्डर ट्रांसपोर्टर और लॉन्चिंग गैन्ट्री जैसी भारी मशीनरी का उपयोग करके लॉन्च किया जाएगा। लॉन्चिंग के लिए गर्डरों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बॉक्स गर्डरों की कास्टिंग अग्रिम रूप से कास्टिंग यार्ड में की जाएगी और व्यवस्थित तरीके से स्टैक की जाएगी।
स्ट्रैडल कैरियर बॉक्स गर्डर को स्टैकिंग यार्ड से उठाएगा और ब्रिज लॉन्चिंग गैन्ट्री को फीड करेगा, जो बॉक्स गर्डर को उठाएगा और गर्डर को पियर कैप पर बियरिंग्स के ऊपर रखेगा।
ब्रिज लॉन्चिंग गैन्ट्री पहले 3-4 बॉक्स गर्डर्स लॉन्च करेगी, जिस पर गर्डर ट्रांसपोर्टर रखा जाएगा और गर्डर ट्रांसपोर्टर और लॉन्चिंग गैन्ट्री का उपयोग करते हुए क्रमिक तरीके से गर्डर्स की लॉन्चिंग आगे भी जारी रहेगी।
लॉन्चिंग के लिए कास्टिंग यार्ड और भारी मशीनरी की योजना इस तरह से बनाई गई है कि एक महीने में लगभग 300 फुल स्पैन बॉक्स गर्डर कास्टिंग और लॉन्चिंग की चरम आवश्यकता को पूरा किया जा सके, जो एक महीने में लगभग 12 किलोमीटर सुपरस्ट्रक्चर कास्टिंग और इरेक्शन के बराबर है।
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट (एमएएचएसआर) 508 किमी लंबा है। 508 किलोमीटर में से, 352 किलोमीटर गुजरात राज्य (348 किलोमीटर) और दादर और नगर हवेली (4 किलोमीटर) में और शेष 156 किलोमीटर महाराष्ट्र राज्य में स्थित है।
मैसर्स एलएंडटी 352 किमी में से, 325 किमी लंबाई के लिए कार्यकारी एजेंसी है। उन्हें दो पैकेज यानी सी4 (237 किमो) और सी6 (88 किमो) का ठेका दिया गया है।