नई दिल्ली: ई-कॉमर्स व्यापार में विदेशी कंपनियों के द्वारा देश के कानूनों का लगातार हो रहे उल्लंघन के खिलाफ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) गुरुवार, दिनांक 23 सितंबर को दिल्ली सहित देशभर के 500 जिलों में कलेक्टरों का प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपेगा।
कैट ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा है कि विगत दो दिनों से मीडिया में चल रही खबर जिसमें अमेजन ने भारत में अपने वकीलों के जरिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी है।
इसका विरोध करने के लिए देश के 500 से ज्यादा जिलों में कैट से जुड़े व्यापारी संगठन जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करेंगे।
कैट महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के साथ ही उपभोक्ता कानून के प्रस्तावित ई-कामर्स नियमों को जल्द लागू करने की जोरदार मांग भी कारोबारी करेंगे।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में देश के 20 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन भाग लेंगे।
गौरतलब है कि ई-कामर्स व्यापार में मची धांधली को लेकर कैट 15 सितंबर से लेकर 15 अक्टूबर तक एक महीने का ई-कामर्स पर हल्ला बोल का राष्ट्रीय अभियान चला रहा है।
प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि अमेजन के वकीलों के जरिए देश के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने वाले मसले पर कंपनी के वित्तीय दस्तावेज जो पिछले कुछ वर्षों में सरकारी विभागों को दिए गए उनकी फ़ॉरेंसिक ऑडिट कराया जाए।
ताकि, ये पता लग सके कि क्या अमेजन के वकीलों के जरिए अधिकारियों को रिश्वत दी गई थी या नहीं।
उन्होंने यह भी कहा कि जिस बड़े पैमाने पर अमेजन ने ई-कामर्स व्यापार में कानून और नियमों का उल्लंघन और धांधली की है, उसको देखते हुए अमेजन के कर्यकलापों की समग्र जांच ज़रूरी है।
इसके लिए आयकर विभाग, केंद्र एवं राज्यों के जींएसटी विभाग, सीसीआई, प्रवर्तन निदेशालय, सेबी तथा मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स को एक साथ जांच करनी चाहिए, जिससे की सारा मामला साफ़ हो।
कैट महामंत्री ने कहा कि देश के 8 करोड़ व्यापारी प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार के साथ मज़बूती से खड़े हैं।