लाइफस्टाइल डेस्क: मुंह में फंगल इन्फेक्शन होना आम समस्या हो गई है, क्योंकि मुंह के जरिए हम किसी भी चीज का सेवन करते हैं। ऐसे में जब मुंह में इंफेक्शन हो जाए तो खाने पीने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए इसे बढ़ने से पहले इससे बचाव करना आवश्यक है। तभी तो स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम ओरल थ्रश क्या है व ओरल थ्रश के कारण से जुड़ी हर छोटी बड़ी जानकारी लेकर आए हैं। इसके साथ ही यहां हम ओरल थ्रश ट्रीटमेंट के बारे में भी जानेंगे।
मुंह में फंगल इन्फेक्शन क्या होता है ?
ओरल थ्रश मुंह में होने वाला एक प्रकार का संक्रमण है, जिसे ओरल कैंडिडिआसिस के नाम से भी जाना जाता है। इसके कारण मुंह के अंदर घाव व खाना निगलने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
यह संक्रमण कैंडिडा नामक फंगस के कारण होता है। आमतौर पर यह फंगस बहुत कम मात्रा में मुंह, पाचन तंत्र और त्वचा पर मौजूद रहता है, जिसे अन्य जीवाणु नियंत्रित करते हैं।
कई दफा किसी बीमारी या दवाओं के चलते इनका संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे यह संक्रमण बढ़ सकता है और मुंह में फंगल इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
मुंह में फंगल इन्फेक्शन के कारण
जैसा कि लेख में पहले ही बताया गया है कि मुंह में फंगल इंफेक्शन कैंडिडा फंगस के कारण हो सकता है। सामान्यतौर पर यह फंगस थोड़ी मात्रा में हमारे मुंह में हमेशा ही रहता है, लेकिन इसकी मात्रा में बढ़ोत्तरी ओरल थ्रश यानी मुंह के इंफेक्शन का कारण बन सकती है। कैंडिडा फंगस के बढ़ने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे जानकारी दे रहे हैं।
मुंह में फंगल इन्फेक्शन के कारण पर एक नजर डालें
कमजोर इम्यूनिटी- इम्यून सिस्टम के कमजोर होने पर कैंडिडा फंगस के बढ़ने व मुंह में फंगल इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ सकती है।
स्वास्थ्य संबंधी समस्या- अगर काफी समय से किसी स्वास्थ्य संबंधी समस्या से परेशान हैं, तो ऐसे में ओरल थ्रश होने की संभावना बढ़ सकती है।
छोटे बच्चे या बुजुर्गों को- छोटे बच्चों या फिर बुजुर्गों में ओरल थ्रश के विकसित होने की संभावना अधिक हो सकती है।
एचआईवी होना- एचआईवी या एड्स के मरीजों में मुंह में फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है।
कैंसर ट्रीटमेंट- कैंसर पीड़ित लोग अगर कीमोथेरेपी ले रहे हैं या उससे संबंधित कोई दवाइयां ले रहे हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती हैं, तो उनमें यह समस्या हो सकती है।
अस्थमा- अस्थमा या फिर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से ग्रसित लोग इनहेलर व स्टेरॉयड दवाएं ले रहे हैं, तो उनमें भी मुंह में फंगल इन्फेक्शन होने की संभावना अधिक हो सकती है। बता दें, अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) फेफड़ों से संबंधित रोग हैं।
दवाओं का सेवन करना- अगर कोई एंटीबायोटिक्स दवाएं ले रहा है, तो ये कुछ स्वस्थ जीवाणुओं को नष्ट कर सकती हैं। इनमें कैंडिडा फंगस को अधिक बढ़ने से रोकने वाले कुछ बैक्टेरिया भी शामिल हैं।
डेन्चर- डेन्चर यानी नकली दांत, अगर ठीक से फिट नहीं होते हैं, तो यह भी ओरल थ्रश का एक कारण हो सकता है।
मुंह में फंगल इन्फेक्शन के लक्षण
- गालों के भीतर, जीभ, गले व मुंह के ऊपरी हिस्से में पर सफेद परत होना।
- लालिमा या दर्द होना।
- मुंह के अंदर मखमली घाव या रुई जैसा अहसास।
- भोजन का स्वाद न आना।
- निगलते समय दर्द होना।
- मुंह के कोनों में हल्की दरारें व लालिमा होना।
- ब्रश करते समय रक्तस्राव होना।