मुम्बई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण, पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग अधिकारी आनंद सुब्रमणियम और पूर्व सीईओ रवि नारायण के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि ये सर्कुलर एहतियातन जारी किया गया है। चित्रा रामकृष्ण और उनसे पहले एनएसई के सीईओ रहे रवि नारायण तथा आनंद के देश छोड़कर जाने के संदेह में यह कदम उठाया गया है। इस मामले में अब गिरफ्तारी की आशंका बढ़ गयी है।
सीबीआई मुम्बई के एक कार्यालय में फिलहाल चित्रा रामकृष्ण ये पूछताछ कर रही है। सीबीआई ने सेबी की 192 पेज की रिपोर्ट के आधार पर चित्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सेबी ने रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि चित्रा ने एनएसई की गोपनीय जानकारियां हिमालय के एक योगी के साथ साझा की थीं।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों की पूछताछ के दौरान चित्रा बार-बार अपना बयान बदल रही हैं। वह जांच को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश कर रही हैं। सीबीआई जल्द ही रवि नारायण और आनंद सुब्रमणियम से भी पूछताछ करेगी।
चित्रा के चेन्नई और मुम्बई स्थित आवास पर गुरुवार को आयकर विभाग का छापा पड़ा था। ऐसा कहा जा रही है कि छापे में कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद किये गये हैं।
सेबी ने भी हाल ही में चित्रा रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सेबी ने अपनी वेबसाइट पर चित्रा से संबंधित अपनी 192 पेज की पूरी रिपोर्ट अपलोड की है।
सूत्रों के अनुसार, यह अज्ञात योगी संभवत: आनंद सुब्रमणियम ही थे, जिन्हें चित्रा ही एनएसई में लेकर आयी थीं। आनंद सुब्रमणियम उस ईमेल आईडी का पासवर्ड जानते थे, जिस पर चित्रा उस अज्ञात योगी को मेल भेजती थीं। चित्रा ने वर्ष 2014 से 2016 के बीच उक्त मेल आईडी भी मेल भेजा था।
चित्रा द्वारा भेजे गये मेल में एनएसई की संगठनात्मक जानकारी, लाभांश परि²श्य, वित्तीय परिणाम, मानव संसाधन नीति, नियामक को भेजे गये जवाब आदि जानकारियां साझा की गयी हैं।
संभावित अज्ञात योगी कहे जाने वाले सुब्रमणियम एनएसई के मुख्य रणनीतिक सलाहकार नियुक्त किये गये थे। वह वर्ष 2013 से 2015 तक इस पद पर रहे।
इसके बाद वह ग्रुप ऑपरेटिंग अधिकारी और एमडी के सलाहकार नियुक्त हुये। वह इस पद पर वर्ष 2015 से 2016 तक रहे।
बाल्मर एंड लॉरी में मैनेजर के पद पर रहे सुब्रमणियम को पूंजी बाजार का कोई अनुभव नहीं था। उनकी सैलरी 15 लाख प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 1.68 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की गयी। इसके बाद 2017 के अंतिम दौर में उनकी सैलरी बढ़ाकर 4.21 करोड़ रुपये कर दी गयी।