मुम्बई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चित्रा रामकृष्ण से पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे रवि नारायण से भी पूछताछ की है।
सीबीआई ने शनिवार को रवि नारायण का बयान रिकॉर्ड किया। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि रवि नारायण लंदन फरार हो गए थे, लेकिन सीबीआई के सूत्रों ने यह पुष्टि की है कि वह मुंबई में ही हैं और शनिवार को उनसे पूछताछ भी की गई है।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि रवि ने समन का जवाब दिया। उन्हें जांच में हिस्सा लेने के लिए कहा गया और मुंबई कार्यालय में बुलाया गया, जहां उनसे पूछताछ की गई। रवि नारायण भी एनएसई मामले में एक संदिग्ध हैं।
पूछताछ के दौरान रवि नारायण गोलमोल जवाब दे रहे थे और उन्होंने कई सवालों से बचने की कोशिश की। उन्होंने साथ ही आग्रह किया कि उनके खिलाफ जारी किया गया सीबीआई का लुकआउट सर्कुलर वापस ले लिया जाए।
अब सीबीआई चित्रा और रवि नारायण के बाद कथित रूप से योगी के निर्देश पर नौकरी पर रखे गए एनएसई के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम से भी पूछताछ करेगी। तथाकथित योगी के कहने पर ही एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा ने आनंद को भारी भरकम पैकेज पर नियुक्त किया था।
इससे पहले सीबीआई के मुंबई कार्यालय में शुक्रवार अपराह्न चित्रा अपना बयान दर्ज कराने पहुंची थीं। सूत्रों के मुताबिक, चित्रा से सीबीआई ने करीब 50 सवाल पूछे।
उनसे पूछा गया कि वह कब से योगी को ईमेल भेज रही थीं और क्या एनएसई की गोपनीय जानकारियां साझा करने के बदले उन्हें कोई रकम दी जाती थी और अगर दी जाती थी तो उन्होंने उस पैसे का क्या किया।
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान चित्रा ने खुद के पीड़ित होने का दावा किया और कहा कि वह कई बातों से अनजान थीं। वह बार-बार अपना बयान भी बदली रहीं।
उन्होंने जांच की दिशा भी बदलने की कोशिश की। चित्रा ने खुद के निर्दोष होने का दावा किया है और उनका कहना है कि कोई उन्हें फंसा रहा है।
सीबीआई ने चित्रा, आंनद और रवि नारायण के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है। सीबीआई जल्द ही रवि नारायण और आनंद सुब्रमण्यम से भी पूछताछ करेगी।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया है कि ये लुकआउट सर्कुलर एहतियातन जारी किया गया है। चित्रा रामकृष्ण और उनसे पहले एनएसई के सीईओ रहे रवि नारायण व आनंद के देश छोड़कर जाने के संदेह में यह कदम उठाया गया है। इस मामले में अब गिरफ्तारी की आशंका बढ़ गई है।
सीबीआई ने सेबी की 192 पेज की रिपोर्ट के आधार पर चित्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सेबी ने रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि चित्रा ने एनएसई की गोपनीय जानकारियां हिमालय के एक योगी के साथ साझा की थीं।
चित्रा के चेन्नई और मुंबई स्थित आवास पर गुरुवार को आयकर विभाग ने छापा भी डाला था। कहा जा रहा है कि छापे में कई संवेदनशील दस्तावेज बरामद किए गए और चित्रा के कुछ कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं।
सेबी ने भी हाल ही में चित्रा रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। सेबी ने वेबसाइट पर चित्रा से संबंधित अपनी 192 पेज की पूरी रिपोर्ट अपलोड की है।
सूत्रों के अनुसार, आनंद सुब्रमण्यम उस ईमेल आईडी का पासवर्ड जानते थे, जिस पर चित्रा उस अज्ञात योगी को मेल भेजती थीं। चित्रा ने वर्ष 2014 से 2016 के बीच उस मेल आईडी पर ईमेल भेजे थे।
चित्रा द्वारा भेजे गए मेल में एनएसई की संगठनात्मक जानकारी, लाभांश परिदृश्य, वित्तीय परिणाम, मानव संसाधन नीति, नियामक को भेजे गए जवाब आदि जानकारियां साझा की गई हैं।
अज्ञात योगी के कहने पर सुब्रमण्यम एनएसई के मुख्य रणनीतिक सलाहकार नियुक्त किए गए थे। वह वर्ष 2013 से 2015 तक इस पद पर रहे। इसके बाद वह ग्रुप ऑपरेटिंग अधिकारी और एमडी के सलाहकार नियुक्त हुए। वह इस पद पर वर्ष 2015 से 2016 तक रहे।
बाल्मर एंड लॉरी में मैनेजर के पद पर रहे सुब्रमण्यम को पूंजी बाजार का कोई अनुभव नहीं था। उनकी सैलरी 15 लाख प्रतिवर्ष से बढ़ाकर एनएसई में 1.68 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की गई। इसके बाद 2017 के अंतिम दौर में उनकी सैलरी बढ़ाकर 4.21 करोड़ रुपये कर दी गई थी।