नई दिल्ली: केंद्र ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि वह यूपीएससी उम्मीदवारों को एक अतिरिक्त मौका देने के लिए सहमत है।
संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह अच्छी खबर है।
केंद्र सरकार उन उम्मीदवारों को एक अतिरिक्त मौका देने को राजी हो गई है, जिनका साल 2020 में यूपीएसी सिविल सर्विसेज परीक्षा में अंतिम प्रयास था और वे आयु वर्जित नहीं थे, मगर वे कोरोना महामारी और राष्ट्रव्यापी बंद की वजह से परीक्षा नहीं दे पाए थे।
हालांकि, केंद्र ने यह भी स्पष्ट किया कि यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए एक बार की छूट होगी और इसे एक मिसाल के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।
उल्लेखनीय रूप से इस साल जनवरी में केंद्र ने अदालत के सामने कहा था कि अंतिम-प्रयास करने वालों के लिए एक और मौका दिए जाने से पूरी कार्यप्रणाली पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
साथ ही इससे समान अवसर दिए जाने के नियम का भी उल्लंघन होगा।
केंद्र के वकील ने न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को प्रस्तुत किया कि अतिरिक्त मौका दिया जाएगा और यह केवल एक अतिरिक्त प्रयास प्रदान करने की सीमा तक होगा।
आगे, यह केवल उन्हीं उम्मीदवारों को दिया जाएगा, जिन्होंने सीईसी-2020 में अपना अंतिम प्रयास किया था और आयु-वर्जित नहीं थे।
इससे पहले 29 जनवरी को, शीर्ष अदालत ने केंद्र को कहा था कि यूपीएससी के उम्मीदवारों को एक बार की छूट देना क्यों संभव नहीं है, जब पहले छूट दी गई थी।