मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि आज दिल्ली में जो कुछ हुआ उसके लिए केंद्र सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।
पिछले दो महीने से किसान शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे। केंद्र सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी थी।
शरद पवार ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जो कृषि कानून केंद्र सरकार ने एक ही दिन में पास करवाया ,उसकी चर्चा 2003 से की जा रही थी।
लेकिन उस कानून पर सभी राज्यों और किसान नेताओं की सहमति न बनने की वजह से ही कानून नहीं बनाया गया था। उन्होंने कहा कि भले ही कृषि कानून संसद में पास हो गया था, उसे सिलेक्ट कमेटी में भेजा जाना चाहिए था।
सिलेक्ट कमेटी में भी सरकार का ही बहुमत है, लेकिन सिलेक्ट कमेटी का कामकाज पक्षीय अभिनिवेश में नहीं होता है।
सिलेक्ट कमेटी में सभी सदस्यों के सुझाव पर चर्चा की जाती है और एकमत से निर्णय लिया जाता है।
शरद पवार ने कहा कि दो महीने से किसान आंदोलन कर रहे थे और सरकार सिर्फ राउंड दर राउंड की चर्चा कर रही थी। सरकार की शर्तें कठोर थीं,जिससे रास्ता नहीं निकल पा रहा था।
इसी दरम्यान सरकार की ओर नक्सलवादी, पाक समर्थक, आतंकवादी जैसे शब्दों से नवाजा गया। सोमवार रात को आंदोलनकारी किसानों को अलग तरह से प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी।
इसके बाद पुलिस की ओर से आंदोलनकारी किसानों के साथ उकसाने वाला गलत व्यवहार किया गया होगा, इसीलिए 60 दिन शांतिपूर्वक आंदोलन करने वाले किसान अचानक आक्रामक हो गए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की घटना के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। पंजाब व हरियाणा के किसानों की मांगों पर केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए।