चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में भाजपा के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमला लापरवाही और कमजोर सूचना तंत्र के चलते हुआ।
बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक की लापरवाही की वजह से दो जवानों की मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक जिला पुलिस को सूचना दिये बगैर ही घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे थे।
जहां घटना हुई, वह बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। यहां चार बजे के बाद मूवमेंट बंद रहती है। ऐसी स्थिति में पूर्व विधायक देर शाम तक वहां रुके थे।
आरोप लग रहा है कि पूर्व विधायक ने अपनी जान के साथ-साथ अपने अंगरक्षकों की जान को भी खतरे में डाला।
खेल के आयोजकों ने भी पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी थी, जिस कारण पुलिस आयोजन से अनभिज्ञ थी और सुरक्षा के इंतजाम नहीं किये जा सके थे।
हालांकि, सवाल यह भी उठता है कि लोकल थाना को भी अपने थाना क्षेत्र में होनेवाले मैच की जानकारी होनी चाहिए थी, लेकिन थाना अलर्ट नहीं था।
मिली जानकारी के अनुसार, बॉडीगार्ड के तीन एके-47 रायफल नक्सली लूटकर साथ ले गये। लगभग 50-100 की संख्या में नक्सली वहां आये थे।
बुधवार सुबह पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना पुलिस ने झीलरुवां से दोनों बॉडीगार्ड के शवों को बरामद कर लिया।
शंकर नायक की गला रेतकर हत्या करने के बाद सीने में गोली मारी गयी थी, जबकि ठाकुर हेम्ब्रम की गोली मारकर हत्या की गयी है। दोनों के मोबाइल उनके शव के पास से बरामद हुए हैं।
हथियार लूटने के बाद नक्सलियों ने बॉडीगार्ड की कमर में बंधी मैगजीन बेल्ट खोलकर गोलियां भी लूट ली हैं।
पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) के गोइलकेरा झीलरुवां मैदान में खेलकूद समारोह के दौरान भाकपा माओवादी के नक्सली हमले में दो जवान की मौत की घटना के दिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची थी, लेकिन दूसरे दिन बुधवार को पुलिस ने शव को बरामद कर लिया है।
घटना के दिन भाजपा के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमला किया गया था। घटना में वह बाल-बाल बच गये थे, लेकिन दो अंगरक्षक नक्सलियों के शिकार हो गये थे।