नहाय खाय के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व चैती छठ पूजा की शुरुआत, जानें सूर्य अर्घ्य का समय

जिस दिन उगते हुए सूर्य को जल अर्पित किया जाएगा, उस दिन द्विपुष्कर योग बना है, जिसमें आपकी पूजा का दोगुना फल प्राप्त होगा।

Central Desk
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Chaiti Chhath Puja 2023 : चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व चैती छठ (Mahaparv Chaiti Chhath) नहाय खाय के साथ आज से शुरू हो गया।

देश के कई हिस्सों में इस त्योहार को काफी धूम-धाम से मनाया जा रहा है। मुख्य तौर पर बिहार, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश (UP) में इस लोक आस्था (Public Faith) के महापर्व को बड़े ही श्रद्धा के साथ मनाते हैं।

महापर्व चैती छठ नहाय खाये पर सूर्यदेव (Sun God) की उपासना का विशेष महत्व माना गया है। सूर्य देव से सुख-समृद्धि और शांति की कामना की जाती है।

नहाय खाय के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व चैती छठ पूजा की शुरुआत, जानें सूर्य अर्घ्य का समय Chaiti Chhath Puja, the four-day festival of folk faith begins with Nahay Khay, know the time of Surya Arghya

बताया जा रहा है कि चैती छठ के चार दिनों में कुल 8 शुभ योग बन रहे हैं।

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सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चैती छठ के प्रारंभ और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने वाले दिन रवि योग बना है।

27 मार्च को रवि योग बना है, इस दिन अस्ताचलगामी सूर्य (Setting Sun) को जल अर्पित करके पूजा की जाएगी।

इतना ही नहीं, जिस दिन उगते हुए सूर्य को जल अर्पित किया जाएगा, उस दिन द्विपुष्कर योग बना है, जिसमें आपकी पूजा का दोगुना फल प्राप्त होगा।

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चैती छठ 2023 की महत्वपूर्ण तिथियां

25 मार्च, शनिवार: नहाय खाय
26 मार्च, रविवार: खरना
27 मार्च, सोमवार: डूबते सूर्य को अर्घ्य, समय: शाम 06:36 बजे
28 मार्च, मंगलवार: उगते हुए सूर्य को अर्घ्य, पारण के साथ व्रत का समापन, समय: सुबह 06:16 बजे

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आठ शुभ योगों में है चैती छठ

पहला दिन : आज 25 मार्च को नहाय खाय के दिन रवि योग बना है। यह आज सुबह 06 बजकर 20 मिनट से दोपहर 01 बजकर 19 मिनट तक है।

दूसरा दिन : चैती छठ के दूसरे दिन 26 मार्च को खरना है। इस दिन प्रीति योग, आयुष्मान योग और रवि योग बने हैं। प्रीति योग प्रात:काल से लेकर रात 11 बजकर 33 मिनट तक है, उसके बाद से आयुष्मान योग प्रारंभ होगा। इस दिन रवि योग दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से है, जो अगले दिन प्रात: 06 बजकर 18 मिनट तक है।

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तीसरा दिन : चैती छठ के तीसरे दिन 27 मार्च को व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे। इस दिन 5 शुभ योग बने हैं। आयुष्मान योग प्रात:काल से लेकर रात 11 बजकर 20 मिनट तक है, उसके बाद से सौभाग्य योग प्रारंभ हो जाएगा। रवि योग प्रात: 06 बजकर 18 मिनट से दोपहर 03 बजकर 27 मिनट तक है। सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi Yoga) पूरे दिन और अमृत सिद्धि योग दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 16 मिनट तक है।

चौथा दिन : चैती छठ के चौथे दिन 28 मार्च को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और पारण करके व्रत को पूरा करेंगे। इस दिन दो शुभ योग सौभाग्य और द्विपुष्कर योग बने हैं। सौभाग्य योग प्रात:काल से लेकर रात 11 बजकर 36 मिनट तक है और द्विपुष्कर योग प्रात: 06 बजकर 16 मिनट से शाम 05 बजकर 32 मिनट तक है।

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