आज से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो रही हैं। जिसमें मां दुर्गा के 9 दिनों तक 9 रूपों की पूजा की जानी है।
अगर आप पूजा पाठ करते हैं तो आपको 9 दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करना चाहिए और अगर आप पूजा नहीं कर पा रहे हैं तो सुबह सुबह दुर्गा सप्तशमी का पाठ जरूर करें। इससे मां दुर्गा प्रसन्न होकर आपकी हर मनोकामना पूरी करेगी। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से कई परेशानियों का अंत होता है। गृह कलेश या धन संबंधित परेशानियां भी दूर होती हैं।
आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि का शुभ मुहूर्त और पूजा करने के नियम:-
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
चैत्र घटस्थापना शनिवार, अप्रैल 2, 2022 को घटस्थापना मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 22 मिनट से 08 बजकर 31 मिनट तक अवधि – 02 घण्टे 09 मिनट्स घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के कुछ नियम भी होते हैं जिनके बारे में पता होना बेहद जरूरी होता है जैसे कि-
दुर्गा सप्तशती के नियम-
दुर्गा सप्तशती पुस्तक को कभी भी हाथ में लेकर पाठ ना करें। शास्त्रों में पुस्तक को कभी भी हाथ में लेकर पाठ नहीं करना चाहिए। पुस्तक को या तो व्यासपीठ में रखकर पाठ करें या फिर लाल रंग के कपड़े के ऊपर रखकर पाठ करें।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय आपको विराम नहीं लेना चाहिए। जब भी आप दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करें तो बीच में रुकना नहीं चाहिए। आप एक अध्याय समाप्त होने के बाद 10 से 15 सेकेंड का विराम ले सकते हैं।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय इस बाद का ख्याल रखें कि आपकी गति ना तो बहुत ज्यादा तेज होनी चाहिए और ना ही बहुत ज्यादा धीरे। मध्यम गति में आपको दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। पाठ करते समय शब्द बिल्कुल स्पष्ठ सुनाई दे।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले आसान में बैठते समय सबसे पहले खुद की शुद्धि करें, उसके बाद ही सप्तशती का पाठ शुरू करें।
दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करने से पहले पुस्तक को नमन और ध्यान करें। इसके बाद पुस्तक को प्रणाम करें और पाठ शुरू करें।
यदि एक दिन में पूरा पाठ न किया जा सके, तो पहले दिन केवल मध्यम चरित्र का पाठ करें और दूसरे दिन शेष 2 चरित्र का पाठ करें। या फिर दूसरा विकल्प यह है कि एक, दो, एक चार, दो एक और दो अध्यायों को क्रम से सात दिन में पूरा करें।
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