पटना: किसान आंदोलन के समर्थन में शनिवार को चक्का जाम का कोई विशेष असर नहीं दिखा। राजनीतिक पार्टियों ने पहले ही सांकेतिक चक्का जाम करने की घोषणा कर दी थी।
कुछ इलाकों में हालांकि कुछ राजनीतिक दल के नेता सड़कों पर उतरे और किसान आंदोलन के समर्थन में चक्का जाम किया।
जन अधिकार पार्टी ने दीदारगंज टोलप्लाजा के पास प्रदर्शन किया। जाप नेताओं ने राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कृषि कानून वापस लेने की मांग की।
इस दौरान सड़क पर टायर जलाकर मार्ग जाम किया गया। जाप नेताओं का दावा है कि विरोध, प्रदर्शन राजधानी पटना सहित प्रदेश के सभी जिलों में किए गए।
पटना शहर में किसी तरह का चक्का जाम नहीं किया गया।
पटना के ग्रामीण इलाकों में वामपंथी दलों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और मार्ग अवरूद्ध किया। आरा में जन अधिकार पार्टी और भाकपा (माले) के कार्यकर्ताओं ने आरा-बक्सर मुख्य मार्ग को चंदवा मोड़ के पास जाम कर दिया। इसके अलावा बिहिया, तरारी में भी लोग सड़क पर उतरे।
बेगूसराय में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 को जामकर चक्का जाम किया गया। मोहितारी में भी वामापंथी दलों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे और किसान आंदेालन के समर्थन में नारे लगाए।
कैमूर जिले में राजद और भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया। सड़क जाम कर कृषि कानून को वापस लेने की मांग की। कुदरा में किसान आंदोलन के समर्थन में भाकपा माले व उसके सहयोगी किसान संगठन अखिल भारतीय किसान सभा ने सड़क जाम कर दिया।
इस दौरान जीटी रोड पर वाहनों की कतार लग गई। भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने कुदरा के रामलीला मैदान से झंडे व बैनर के साथ जुलूस निकाला। कुदरा बाजार होते हुए भभुआ रोड मोड़ चैराहा पर पहुंचे जहां एनएच पर खड़े होकर जमकर नारेबाजी की।
उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन को लेकर बिहार के किसान चुप्पी साधे हुए हैं। विपक्षी दल भले ही किसान आंदेालन के समर्थन में उतर रहे हैं।