Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 (Champions trophy 2025) के फाइनल में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया।
मैदान पर ट्रॉफी उठाते हुए भारतीय खिलाड़ियों की खुशी देखते ही बन रही थी, लेकिन इस ऐतिहासिक जीत के साथ एक और चीज़ ने सबका ध्यान खींच लिया-विजेता टीम को मिलने वाला सफेद ब्लेजर।
चैम्पियंस ट्रॉफी का अनूठा सम्मान
ICC के बाकी टूर्नामेंट्स से अलग, चैम्पियंस ट्रॉफी में जीतने वाली टीम के खिलाड़ियों को सफेद ब्लेजर (White Blazer) पहनने की परंपरा है। यह सिर्फ एक ड्रेस कोड नहीं, बल्कि एक विरासत है, जो क्रिकेट इतिहास में चैम्पियंस ट्रॉफी को खास बनाती है।
रेशमी सफेद रंग के इस ब्लेजर पर गोल्ड ब्रेडिंग और चैम्पियंस ट्रॉफी का लोगो बना होता है। इसे सिर्फ विजेता टीम के खिलाड़ियों को ही दिया जाता है, और वे इसे जीवनभर अपने साथ रख सकते हैं।
कैसे बनी यह परंपरा?
साल 2009 में दक्षिण अफ्रीका में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी से इस परंपरा की शुरुआत हुई थी, जब ऑस्ट्रेलिया ने यह खिताब जीता था। इसके बाद 2013, 2017 और अब 2025 की चैम्पियंस ट्रॉफी में भी इसे बरकरार रखा गया।
टूर्नामेंट से पहले ही तैयार होता है ब्लेजर
फाइनल से पहले ही दोनों टीमों के खिलाड़ियों का नाप लिया जाता है। 2013 में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टीवन फिन (Steven Finn) ने बताया था कि कैसे एक दिन पहले दर्जी आकर नाप लेकर सफेद ब्लेजर तैयार करता है।
यह ब्लेजर सिर्फ चैम्पियन खिलाड़ियों को ही पहनने को मिलता है, जो उनके सम्मान का प्रतीक बनता है। भले ही जीत किसी एक टीम की होती है, लेकिन तैयारियां दोनों के लिए समान रहती हैं।
सिर्फ कपड़ा नहीं, एक चैम्पियन की पहचान
चैंपियंस ट्रॉफी का सफेद ब्लेजर क्रिकेट जगत में ऑगस्टा मास्टर्स गोल्फ टूर्नामेंट में दिए जाने वाले प्रतिष्ठित हरे ब्लेजर की तरह है। यह सम्मान न सिर्फ एक ऐतिहासिक जीत का प्रतीक है, बल्कि खिलाड़ियों के करियर की सबसे अनमोल यादों में से एक बन जाता है।
सिर्फ कपड़ा नहीं, एक चैम्पियन की पहचान
चैम्पियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) का सफेद ब्लेजर क्रिकेट जगत में ऑगस्टा मास्टर्स गोल्फ टूर्नामेंट में दिए जाने वाले प्रतिष्ठित हरे ब्लेजर की तरह है। यह सम्मान न सिर्फ एक ऐतिहासिक जीत का प्रतीक है, बल्कि खिलाड़ियों के करियर की सबसे अनमोल यादों में से एक बन जाता है।