चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शिरोमण अकाली दल (बादल) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को सोमवार को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी।
इसी के साथ मजीठिया पर पिछले कई दिनों से लटक रही गिरफ्तारी की तलवार हट गई है।
हाई कोर्ट से मजीठिया को जिन तथ्यों पर अग्रिम जमानत मिली है उसमें कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू तथा उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा मजीठिया के खिलाफ दिए गए बयानों को आधार बनाया गया है।
पंजाब पुलिस ने 20 दिसंबर को बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस बीच मजीठिया की तस्वीरें समय-समय पर वायरल होती रहीं लेकिन पंजाब पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी।
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने मजीठिया की पैरवी की। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने प्रदेश सरकार का पक्ष रखा। बहस करीब तीन घंटे चली।
मजीठिया के वकीलों ने कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू तथा उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के मजीठिया के खिलाफ दिए बयानों को आधार बनाते हुए कहा कि पंजाब में चुनाव होने जा रहे हैं।
यह मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। हाई कोर्ट के फैसले के बाद मजीठिया के वकीलों ने बताया कि वह बुधवार सुबह 11 बजे जांच में शामिल होकर अपने बयान दर्ज करवाएंगे।