चंडीगढ़: आंदोलनकारी किसानों की रुकावट के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रद्द हुए पंजाब दौरे पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने खेद जताया है।
सफाई के लिए बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था।
किसान तो शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने भाजपा नेताओं पर इस मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया।
चन्नी ने कहा कि पंजाब में सद्भावना है। भाजपा के नेता इस माहौल को खराब न करें। पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने ट्वीट कर कहा है कि प्रधानमंत्री के साथ ऐसा होना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पंजाब की संस्कृति के विरुद्ध है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के काफिले के सड़क मार्ग पर फिरोजपुर के करीब आन्दोलनकारी किसानों का दल बैठ गया था।
मोदी हुसैनीवाला में शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को नमन करने जा रहे थे।सड़क पर जाम लगाने से प्रधानमंत्री को फिरोजपुर रैली रद्द करनी पड़ी।
इस पर एक ट्वीट में कहा गया है कि चंद आन्दोलनकारियों की वजह से पंजाब बड़े आर्थिक पैकेज से वंचित रह गया।
इस घटनाक्रम पर सफाई देने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने शाम को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में न तो चूक थी और न ही उनकी सुरक्षा को कोई खतरा था।
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार कहेगी तो इसकी जांच करवाई जा सकती है। उन्होंने इससे भी इनकार किया कि इस मामले में किसी अधिकारी को निलंबित किया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री का दौरा रद्द होने की पीड़ा है।
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वर्तमान स्थिति को देखते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को राज्य में कमजोर सुरक्षा व्यवस्था करार दिया है और इसे पुलिस की नाकामी कहा है।