रांची: झारखंड के प्राथमिक शिक्षकों के लिए एक जरूरी खबर है। उनकी सेवा शर्त नियमावली में स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा बदलाव किया जा रहा है।
नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने तैयार किया है।
इसमें शिक्षकों की प्रोन्नति प्रक्रिया में बदलाव की तैयारी है।
वर्तमान में प्राथमिक शिक्षकों को कुल आठ ग्रेड में प्रोन्नति दी जाती है। उनके लिए शैक्षणिक योग्यता एवं कालावधि आधारित प्रोन्नति का प्रावधान है।
क्या है निदेशालय का प्रस्ताव
नये प्रस्ताव में 18 वर्ष की सेवा के बाद शिक्षकों को अवर शिक्षा सेवा संवर्ग व शिक्षा सेवा में प्रोन्नति देने का प्रावधान किया गया है। अवर शिक्षा सेवा में 10 फीसदी व शिक्षा सेवा में पांच फीसदी पद आरक्षित किया जायेगा।
इसके लिए शिक्षकों को सीमित परीक्षा में शामिल होना होगा।
अवर शिक्षा सेवा संवर्ग में प्रोन्नति के बाद शिक्षक प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज में व्याख्याता और डिप्टी डीएसइ बन सकेंगे।
वहीं, शिक्षा सेवा में प्रोन्नति पाने पर अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारी बन सकेंगे।
अवर शिक्षा सेवा व शिक्षा सेवा में शिक्षकों के लिए पद आरक्षित करने के लिए इन दोनों नियुक्ति नियमावली में भी संशोधन करना होगा।
अवर शिक्षा और शिक्षा सेवा में शिक्षकों को आरक्षण देने की तैयारी
प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति के दौरान 50 फीसदी पद पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान नयी नियमावली में भी किया जायेगा।
इसके अलावा नियुक्ति में पांच फीसदी पद बीआरपी-सीआरपी व अन्य अनुबंध कर्मियों के लिए रखने का प्रस्ताव नियमावली में है। एक फीसदी पद भूतपूर्व सैनिक के लिए भी प्रस्तावित है।
पुरस्कार पानेवाले शिक्षक को विशेष प्रोन्नति
संशोधित नियमावली में पुरस्कार पानेवाले शिक्षकों को विशेष प्रोन्नति देने का प्रावधान किया गया है।
भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा उत्कृष्ट शिक्षकों को दिये गये पुरस्कार के आधार पर शिक्षक जिस ग्रेड पर कार्यरत होंगे, ठीक उससे ऊपर के ग्रेड वाले वेतनमान में उन्हें प्रोन्नति दी जायेगी।
प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति की होगी परीक्षा
प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में भी बदलाव हो रहा है।
नियुक्ति नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव भी प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने तैयार किया है।
वर्ष 2012 की शिक्षक नियुक्ति नियमावली में शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के मेधा अंक के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति का प्रावधान है। नये प्रस्ताव में शिक्षक नियुक्ति के लिए परीक्षा लेने का प्रस्ताव है।
इसके तहत कक्षा एक से पांच तथा छह से आठ के लिए अलग-अलग परीक्षा ली जायेगी। शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल होने के बाद अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।