Charge Sheet against Newsclick Founder: राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने मंगलवार को Newsclick के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ (Prabir Purkayastha) के खिलाफ दायर दिल्ली पुलिस की पहली Charge Sheet पर संज्ञान लिया।
याचिका में आरोप लगाया गया कि समाचार पोर्टल ने चीन समर्थक प्रचार फैलाने के लिए पैसे लिए थे।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 30 मार्च को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के प्रावधानों के खिलाफ 9 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दायर की।
Patiala House Court की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने कहा कि मामले में आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और अभियोजन पक्ष को आरोप पत्र की एक प्रति पुरकायस्थ को देने का आदेश दिया।
मामले में आरोप तय करने पर बहस के लिए 31 मई की तारीख तय की।
पिछली बार, पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसने न्यूज़क्लिक मामले में अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सभी जरूरी स्वीकृति प्राप्त कर ली है।
विशेष लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने कहा था कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 45 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 196 के तहत तीन अलग-अलग मंजूरी आदेश सुरक्षित किए गए हैं, जिन्हें सप्लीमेंट्री चार्जशीट के रूप में दाखिल किया जा रहा है।
प्रबीर पुरकायस्थ के साथ-साथ पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड (न्यूज़ पोर्टल) को भी आरोपी बनाया गया है। प्रबीर पुरकायस्थ और Newsclick के HR प्रमुख अमित चक्रवर्ती की न्यायिक हिरासत भी बढ़ा दी गई है।
9 जनवरी को अदालत ने Amit Chakraborty को मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दे दी थी, उन्होंने माफी की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था। उन्होंने दावा किया कि उनके पास महत्वपूर्ण जानकारी है, जिसे वह दिल्ली पुलिस को देना चाहते हैं।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चार्जशीट में जांच के दौरान मारे गए विभिन्न छापों के दौरान जब्त किए गए 480 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बारे में भी जानकारी है। प्रबीर पुरकायस्थ पर देश को अस्थिर करने के लिए विदेशी फंड लेने का आरोप है।
सूत्रों ने बताया कि प्रबीर पुरकायस्थ की पहचान प्राथमिक संदिग्ध के रूप में की गई है, जबकि अमित चक्रवर्ती को गवाह की भूमिका दी गई है।
सूत्रों ने कहा कि चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि प्रबीर पुरकायस्थ ने मनगढ़ंत कहानियां गढ़कर और 2019 के लोकसभा चुनावों को बाधित करने का प्रयास कर देश को कमजोर करने के लिए फंड स्वीकार किया।
पिछले साल 17 अगस्त को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के अनुसार, चीन से बड़ी मात्रा में धनराशि गुप्त रूप से स्थानांतरित की गई थी।