नई दिल्ली: भारतीय सशस्त्र बलों के मुख्य हवाई बेड़े में शामिल चेतक हेलीकॉप्टर ने राष्ट्र की शानदार सेवा के 60 साल पूरे कर लिए हैं।
इस मौके को यादगार बनाने के लिए हैदराबाद से 25 किलोमीटर उत्तर में स्थित वायु सेना स्टेशन हकीमपेट में 2 अप्रैल को एक कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे।
राष्ट्र की 60 साल तक शानदार सेवा के बाद इन हेलीकॉप्टरों का तकनीकी जीवन 2023 से खत्म होना शुरू हो जाएगा।
वायु सेना प्रवक्ता के अनुसार भारतीय वायु सेना और उसके प्रशिक्षण कमान के तत्वावधान में वायु सेना स्टेशन हकीमपेट की ओर से ‘यशस्वत् षट् दशकम्’ विषय पर होने वाली कॉन्क्लेव की थीम ‘चेतक-आत्मनिर्भरता, बहुविज्ञता एवं विश्वस्तता के छह गौरवशाली दशक’ रखी गई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कार्यक्रम के लिए मुख्य अतिथि बनने की सहमति दी है। राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी कन्वेंशन सेंटर, सिकंदराबाद में होने वाले इस कॉन्क्लेव में वायु सेना प्रमुख, तीनों सेवाओं के हेलीकॉप्टर स्ट्रीम के वरिष्ठ सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारी, रक्षा मंत्रालय, इंडियन कोस्ट गार्ड और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अधिकारी शामिल होंगे।
इस कॉन्क्लेव में छह दशकों तक राष्ट्र की सेवा करने वाले चेतक हेलीकॉप्टर के संचालन पर फोकस किया जायेगा।
इस इवेंट में अनुभवी अधिकारी और तीनों सेनाओं के प्रमुख वक्ता विस्तृत जानकारी के साथ चर्चा में शामिल होकर अपने-अपने दृष्टिकोण रखेंगे। दर्शकों को दी जाने वाली जानकारी में प्रौद्योगिकी और भविष्य में युद्धक्षेत्र की अनिवार्यताओं से संचालित हेलीकॉप्टर का विकास भी शामिल होगा।
दरअसल, भारतीय सेना का हिस्सा चीता और चेतक हेलीकॉप्टर अब पुराने पड़ चुके हैं। सशस्त्र बलों ने एक बार फिर अपने लगभग अप्रचलित हो चुके चेतक हेलीकॉप्टरों की बढ़ती उम्र पर चिंता जताई है।
ऐसे में सीमा पर चीन से गतिरोध और पाकिस्तान से तनाव के बीच भारतीय सैन्य बल जल्द से जल्द रूसी कामोव-226 टी हेलीकॉप्टर को अपने बेड़े में शामिल करना चाहते हैं।
राष्ट्र की 60 साल तक शानदार सेवा के बाद हेलीकॉप्टरों का कुल तकनीकी जीवन 2023 से खत्म होना शुरू हो जाएगा।
चेतक लाइट यूटिलिटी सिंगल-इंजन विंटेज हेलीकॉप्टर है, जिसके बारे में रक्षा मंत्रालय को भी अवगत कराया गया है कि इन हेलीकॉप्टरों के पुराने बेड़े के कारण महत्वपूर्ण परिचालन चुनौती पैदा हो रही है, जिसके बारे में जल्द कदम उठाए जाने चाहिए।
थल सेना, वायुसेना और नौसेना के पास इस समय कुल 187 चेतक हेलीकॉप्टर हैं। इनका इस्तेमाल अक्सर सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र जैसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी किया जाता है।
हाल के दिनों में चेतक हेलीकॉप्टर दुर्घटना के शिकार हुए हैं और इनकी सर्विस को लेकर भी बहुत ज्यादा समस्याएं सामने आई हैं।