नई दिल्ली: केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के 38वें दिन (शुक्रवार को) गाजीपुर बॉर्डर पर बागपत (उप्र) निवासी एक किसान की मौत पर दुख जताते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार से अन्नदाताओं की इच्छा का ध्यान रखने की बात कही है।
उन्होंने सवाल किया कि आखिर अपनी मांगों को लेकर किसानों को क्या क्या करना पड़ेगा।
पूर्व वित्तमंत्री ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, “जैसे ही दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन ने 38वें दिन में प्रवेश किया, एक और किसान ने अपनी जान गंवा दी। मैं किसानों के संकल्प को सलाम करता हूं।
सरकार को कृषि कानूनों को लंबित रखते हुए पुनर्विचार के लिए सहमत होना चाहिए।
किसी भी नए कानून में किसान समुदाय की जरूरतों और इच्छाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।”
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी किसानों के प्रति सरकार की बेरुखी पर तंज कसा है। उन्होंने शायराना अंदाज़ में कहा, ‘ हाकिमों ने लगा रखी हैं ख़रीदी हुई आंखें, ईमान क्यों खो बैठे हैं हमारे रहनुमा…?’
उल्लेखनीय है कि राजधानी दिल्ली की सीमा पर स्थित गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर 26 नवम्बर 2020 से ही किसान डटे हुए हैं।
नए कृषि कानूनों को रद्द करने तथा न्यनूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी समेत चार मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं।
हालांकि सरकार के साथ किसानों की पिछली वार्ता में पराली दहन संबंधी अध्यादेश और बिजली सब्सिडी के मुद्दे पर सहमति बन गई थी। शेष दो मांगों को लेकर चार जनवरी को अगले दौर की वार्ता होनी है।