नई दिल्ली: केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों से संबंधित जानकारी को लेकर दायर आरटीआई आवेदन को नीति आयोग ने खारिज कर दिया है। इसके बाद कांग्रेस ने नीति आयोग को आड़े हाथों लिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सवाल किया है कि आखिर किस वजह से नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट को चार साल बाद भी सार्वजनिक नहीं किया।
चिदंबरम ने रविवार को ट्वीट कर कहा, “नीति आयोग की कृषि पर मुख्यमंत्रियों की समिति ने सितंबर 2016 में 16 महीने के विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट दी थी, लेकिन इसके बावजूद यह रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है।
ऐसा क्यों है, कोई नहीं जानता। कोई इसका जवाब नहीं देगा।”
एक अन्य ट्वीट में चिदंबरम ने लिखा, “जानकारी सार्वजनिक नहीं किए जाने को कारण बताते हुए ही रिपोर्ट की कॉपी आरटीआई के जरिए मांगी गई थी लेकिन सरकार की ओर से उसे भी नकार दिया गया।
आखिर उस रिपोर्ट में ऐसे कौन से तथ्य हैं, जिन्हें सरकार छुपाना चाहती है।”
दरअसल, कृषि कानूनों को लेकर उपजे विवाद के बीच एक्टिविस्ट अंजली भारद्वाज ने आरटीआई के जरिए कानूनों से संबंधित कुछ जानकारी सरकार से मांगी थी, जिसे नीति आयोग ने खारिज कर दिया।
कांग्रेस नेता ने एक्टिविस्ट अंजली भारद्वाज के जज्बे को भी सलाम किया है।
न्होंने कहा कि जिस जज्बे और एकाग्रता से अंजलि भारद्वाज ने तथ्यों को खंगाला है, उसकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है।
उल्लेखनीय है कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का प्रदर्शन पिछले डेढ़ माह से जारी है।
हालांकि सरकार और किसान नेताओं के बीच विवाद को शांत करने को लेकर नौ दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई सहमति नहीं बन सकी है।
अब अगले दौर की वार्ता 19 जनवरी को होनी है।
इस बीच किसानों ने स्पष्ट किया है कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वो अपना आंदोलन और तेज करेंगे।