धनबाद: मुखिया एवं वार्ड सदस्यों को अधिकार देने के मामले को लेकर कई पूर्व मुखियाओं ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को ज्ञापन देकर कहा है कि यह लोकतंत्र के साथ नाइंसाफी है।
कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद मुखियाओं को वित्तीय अधिकार प्राप्त होने से वे इसका गलत उपयोग करेंगे।
पूर्व मुखियाओ ने इसका विरोध किया है और कहा है कि झारखंड सरकार को समय पर पंचायत चुनाव कराना चाहिए।
जनता ने मुखिया, वार्ड सदस्य एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को पांच साल के लिए ही चुना था।
इनके कार्यकाल का लेखा जोखा जनता के पास है।
पूर्व मुखियाओ ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से झारखंड सरकार के इस फैसले के खिलाफ रोक लगाने में पहल करने की अपील की है।
पूर्व मुख्यमंत्री से मिलने वालों में परासी पंचायत के पूर्व मुखिया मिराज अंसारी, फातिमा जीनत समेत दर्जनों पूर्व मुखिया एवं पूर्व जनप्रतिनिधि शामिल थे।