रामगढ़: सरहुल पूजा में शामिल होने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार की शाम अपने पैतृक गांव नेमरा पहुंचे। गोला प्रखंड के सुदूर वादियों में बसे इस गांव में बाहा पूजा को लेकर एक अलग ही उत्साह दिख रहा था।
मुख्यमंत्री का काफिला जैसे ही गांव में प्रवेश किया, गांव वाले भी झूमने लगे। मुख्यमंत्री के साथ उनके पिता दिसोम गुरु शिबू सोरेन अपने पैतृक गांव में पहुंचे हैं।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी उन्होंने अपने परिजनों को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद दिया। ऐसी मान्यता है कि बाहा पूजा में जो लोग शामिल होते हैं, वह पूरे वर्ष खुशी के माहौल में रहते हैं।
सरहुल में “नाची से बाजी” कहावत काफी प्रसिद्ध है।
इसका अर्थ है कि जो नाचेगा वही समाज में बजेगा। झारखंड की संस्कृति नृत्य की संस्कृति से जुड़ी हुई है।
हर त्यौहार पर नाचना लोगों के मस्ती में सराबोर होने का प्रतीक है, जो व्यक्ति मस्ती में डूबा रहेगा, उसका परिवार हमेशा खुश रहेगा।
संथाल परगना में सरहुल बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हर वर्ष इस पर्व में अपने पूरे परिवार के साथ शामिल होते हैं।
उनके सभी रिश्तेदार भी इस मौके पर आते हैं, ताकि साल के इस त्यौहार की खुशी में चार चांद लगाया जा सके।