रांची: झारखंड में कोरोना के नए मरीजों में कमी आयी है। पिछले दस दिनों से लगातार जितने मरीज मिल रहे हैं, उनसे ज्यादा स्वस्थ होकर लौट रहे हैं।
इसी बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज सोमवार को बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर को लेकर इस बैठक में चर्चा होगी।
इस बैठक में पारा शिक्षकों के लिए तैयार नियमावली केबिनेट में पास करते हुए नियमितीकरण और वेतनमान लागू करने की मांग की गई है।
रविवार को सीएम ने सभी रसोईयों-सह-सहायिकाओं को प्रतिमाह दो हजार रुपये मानदेय मिलेगा इसकी घोषणा की है। यह बढ़ोत्तरी एक अप्रैल 2021 से प्रभावी होगी। इसका लाभ 79,591 रसोईया-सह-सहायिका को मिलेगा।
इसी को देखते हुए पारा शिक्षकों को आज की बैठक से काफी उम्मीदें है। कैबिनेट से आज अगर तैयार नियमावली पास होती है तो पारा शिक्षकों के लिए सरकार की तरफ से एक बड़ा तोहफा होगा, जिसकी उम्मीद सभी पारा शिक्षकों को है।
एकिकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के राज्य कार्यकारी सदस्य वीरेंद्र कुमार राय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राज्य सरकार की मंशा पर रोष जताया है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार द्वारा झारखंड में 65 हजार पारा शिक्षक वर्तमान सरकार की चुनावी मुद्दा व पारा शिक्षकों के साथ किए गए 3 माह में नियमित करने की बात बिलकुल ही उलटा साबित हो रहा है।
हेमंत सरकार हर चुनावी मंच पर व चुनावी घोषणा पत्र में सरकार बनते ही पारा शिक्षकों की सेवा स्थाईकरण व छत्तीसगढ़ कि तरह वेतनमान तीन महीने में लागू करने का वादा की थी।
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लेकिन अबतक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि सरकार 16 सौ करोड़ के बजट वेतनमान के लिए विधानसभा से पास किया गया था। वह मुद्दा भी ज्यों का त्यों फाईल मे सिमट कर रह गया है।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा नियमावली व कल्याण कोष का प्रस्ताव तैयार किया गया था।
सिर्फ संशोधन कर पारा शिक्षक प्रतिनिधि मंडल ने 9 जून 2020 को चर्चा करते हुए कैबिनेट में लाने की बात थी,जो वर्तमान समय में शिक्षा विभाग स्वयं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास है।
फिर भी न तो पदाधिकारी न ही सरकार इस पर गंभीरता से लेने का जोखिम उठा रहे है। उन्होंने कहा कि इससे पारा शिक्षक समुदाय पूरी तरह ठगी महसूस कर रही है।
उन्होंने कहा कि अब तक किसी भी रूप में की गई वार्ता में सिर्फ आश्वासन ही मिला।
उन्होंने हेमंत सरकार से मांग की हैं की पूरे राज्य के शिक्षण व्यवस्था की रीढ़ बने पारा शिक्षकों की वर्षों से बदतर स्थिति को देखते हुए सरकार अविलंब पारा शिक्षकों के लिए तैयार नियमावली केबिनेट में पास करते हुए नियमितीकरण और वेतनमान लागू करें।
बता दें कि इससे पूर्व कैबिनेट की बैठक मार्च में हुई थी। सीएम सभी मंत्रियों से कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम और इससे संबंधित उपायों पर विचार करेंगे।
कोरोना महामारी से बचाव और रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री लगातार कदम उठा रहे हैं।