रांची: राज्य में हो रही सड़क दुघर्टना में अधिकांश मौत अत्यधिक रक्तस्राव से हो रही है। ऐसे में उस रक्तस्राव को रोकने के लिए सभी थाना में मेडिकल किट की व्यवस्था करें।
घायल को उठाने के लिए स्ट्रेचर और निर्बाध रूप से सांस लेने सहायता के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर होना चाहिए। यह व्यवस्था यथाशीघ्र सुनिश्चित करें।
ये बातें गुरूवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना कर्मियों को फर्स्ट ऐड के लिए प्रशिक्षण भी दें, ताकि समय रहते घायल का प्राथमिक उपचार हो सके।
सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले नेक व्यक्ति के खाते में तत्काल प्रोत्साहन राशि निर्गत करें। इसके लिए प्रक्रिया कतई लंबी नहीं होनी चाहिए।
सड़क के बीच लगे होर्डिंग हटाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में सड़क के बीच पोल या डिवाइडर में लगे होर्डिंग हटा दें। ये भी काफी हद तक सड़क हादसों की वजह बन रहें हैं।
राज्य के लोग वाहन चलाते समय हाई बीम लाइट के उपयोग से बचें। जहां आवश्यक हो वहां हाईबीम लाइट का उपयोग किया जा सकता है।
सड़कों पर लगने वाले येलो बिलिंकर में साउंड सिस्टम की व्यवस्था करें। इससे वाहन चालकों को सावधानी बरतने के प्रति जागरूक किया जा सकता है।
स्पीड लिमिट पर ध्यान दें, ट्रैफिक पार्क का निर्माण करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग अपने वाहन निर्धारित गति में चलाए। यह सुनिश्चित होना चाहिए। इससे सड़क दुर्घटना में अवश्य कमी आएगी।
सड़क पर चलने वाले वाहन स्पीडगण की निगरानी में रहें, तो वाहन की गति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। रांची में ट्रैफिक पार्क के निर्माण की दिशा में कार्य करें।
पार्क का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए, जहां लोगों को ट्रैफिक नियमों के पालन के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ वे प्रशिक्षण भी ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाइवे के विभिन्न स्थानों पर लगने वाले साइन बोर्ड पर स्थानीय भाषा का भी उपयोग करें, जिससे राहगीरों को समझने में किसी तरह की परेशानी न हो।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का एवं विभिन्न विभागों के वरीय अधिकारी उपस्थित थे।