तिरुवनंतपुरम: मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सफाई देते कहा कि मीडिया की स्वतंत्रता के खिलाफ पुलिस अधिनियम संशोधन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
अधिनियम में संशोधन के बाद ने उन्होंने कहा कि केरल पुलिस एक्ट में संशोधन किसी भी स्तर पर मीडिया के खिलाफ नहीं है।
एक बयान में उन्होंने स्पष्ट किया कि इस संबंध में कोई भी चिंता निराधार है। राज्य सरकार को सोशल मीडिया पर कुछ स्वतंत्र चैनलों के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं।
शिकायतकर्ताओं में समाज के सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्ति शामिल थे।
ऑनलाइन पत्रकारिता के नाम पर कुछ लोगों द्वारा शुरू किए गए साइबर हमलों को सरकार के ध्यान में लाया गया है।
संशोधन में ऐसे नियम शामिल हैं जो संविधान के उन हिस्सों का पालन करते हैं जो मीडिया और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं।
संशोधन सोशल मीडिया पर लक्षित महिलाओं और ट्रांसजेंडरों के संदर्भ में लागू किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार संशोधन के संबंध में उठाए गए सभी सुझावों और रचनात्मक राय पर विचार करेगी।
वहीं विपक्ष का कहना है कि यह संशोधन पुलिस को अधिक शक्ति देगा और प्रेस की स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगाएगा।
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति को जानबूझकर डराने और अपमान व बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विपक्ष के विरोध के बीच केरल पुलिस अधिनियम संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दे दी।
कोरोना से उबरने के बाद राज्यपाल ने अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं। शनिवार को इस बात की पुष्टि हुई कि राज्यपाल ने अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं।