पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में सोमवार को आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय-2 (2020-25) के अंतर्गत सुशासन के कार्यक्रम “सुलभ संपर्कता” योजना की समीक्षा बैठक की।
पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने “सुलभ संपर्कता” योजना से संबंधित एक प्रस्तुतीकरण दिया।
प्रस्तुतीकरण में शहरी क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार बाईपास अथवा फ्लाई ओवरों के निर्माण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
राज्य के सभी 38 जिलों में पथवार अध्ययन कर जाम लगने वाले स्थानों का चयन, जिलावार अनुशंसित बाईपासों की संख्या तथा उनकी कुल लंबाई के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि ग्रामीण कार्य विभाग तथा नगर निकायों की वैसे पथों को भी चिन्हित किया गया है जिन्हें बाईपास के रुप में विकसित किया जा सकेगा।
अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने पथ निर्माण विभाग से संबंधित प्रस्तावित एम्स-नौबतपुर की सहायक टू-लेन सड़क का निर्माण, ओपीआरएमसी-2 (आउटपुट एण्ड परफॉरमेंस बेस्ड रोड एसेट्स मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट), रोड ओवर ब्रिज (आरओबी), प्रस्तावित दानापुर कैंट बाईपास आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सुलभ संपर्कता हेतु शहरी क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार बाईपासों एवं फ्लाई ओवरों के निर्माण के लिए कार्य योजना बनाकर तेजी से काम करें।
शहर के अंदर भी फ्लाई ओवर के निर्माण के लिए आकलन कर उस पर कार्य करें।
उन्होंने कहा कि इससे य़ातायात सुगम होगा, लोगों को जाम से निजात मिलेगी, साथ ही समय की भी बचत होगी।
बाईपास पथों के चयन में इस बात का ध्यान रखें कि भूमि अधिग्रहण कम से कम हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पथों का रख रखाव विभाग के माध्यम से ही हो।
विभाग के इंजीनियरिंग विंग के लोग इस कार्य को बेहतर ढंग से करेंगे, जिससे सड़कों की गुणवत्ता बनी रहेगी।
स्मूथ ट्रैफिक, लोगों की सुरक्षा एवं हित को ध्यान में रखते हुए रेलवे लाईनों के पास प्राथमिकता के आधार पर आरओबी के निर्माण कार्य तेजी से करें।
बैठक में उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, पथ निर्माण मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, बिहार राज्य पथ विकास निगम के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार, पथ निर्माण विभाग की संयुक्त सचिव शैलजा शर्मा सहित अन्य वरीय अधिकारीगण एवं अभियंतागण उपस्थित थे।