लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Chief Minister Yogi Adityaanth) ने विधायकों को अधिकारियों की ट्रांसफर व पोस्टिंग के चक्कर में न पड़ने की सलाह देते हुए कहा कि इससे जनता के बीच आपकी छवि खराब होगी।
नव निर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के अंतिम दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनप्रतिनिधियों को सार्वजनिक जीवन में शुचिता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने विधायकों को ठेके पट्टे से दूर रहकर जनता की सेवा में जुटने की नसीहत दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी जवाबदेही जनता के प्रति होनी चाहिये। एक जनप्रतिनिधि अपना जीवन जनता के लिये समर्पित कर दे। नकारात्मकता जनप्रतिनिधि के लिए खतरनाक है।
जनता भी फिर इसी भाव के साथ आपको लेती है। ठेके पट्टे व ट्रांसफर पोस्टिंग से विधायक दूर रहें। राजनेता अब अविश्वास का प्रतीक बन गया। इसे विधानसभा में अपने आचरण व मुद्दों चर्चा के जरिये दूर किया जा सकता है।
ठेके पट्टे व ट्रांसफर पोस्टिंग से विधायक दूर रहें
मुख्यमंत्री ने विधायकों से जनता से सीधा संवाद रखने पर जोर देते हुए कहा कि सरकार ने तय किया है कि मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री सोमवार से बृहस्पतिवार तक लखनऊ में रहेंगे और शुक्रवार से रविवार तक फील्ड में जाकर जनता के बीच रहकर काम करेंगे।
इससे जनता की समस्याओं को समझने में आसानी होगी।उन्होंने विपक्ष के विधायको से भी खास तौर पर अपील करते हुए कहा कि विकास को लेकर राजनीति को आड़े नहीं आने देना चाहिए।
सरकार कि योजनाएं जनता के लिए बनती है इसलिए योजनाओं का लाभ जनता को दिलाने में सकारात्मक सोच के साथ काम करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसद होने के नाते गोरखपुर के अस्पताल के वार्ड की दयनीय हालत देखी थी।
तब हमने वहां जरूरी व्यवस्था कराई। संसद में स्पीकर से इस जेई से बच्चों की मौत के मुद्दे को उठाने की कई कोशिश के बाद अनुमति मिली। ठेके पट्टे से अनुराग रखने वाले नेता नीचे खिसकते जाते हैं।
ठेके पट्टे से अनुराग रखने वाले नेता नीचे खिसकते जाते हैं
अगर जाति की राजनीति होती तो सुरेश खन्ना व सतीश महाना कैसे जीतते। कई सदस्य जनता के प्रति तटस्थता रखते हैं। ठेके पट्टे व ट्रांसफर पोस्टिंग से विधायक दूर रहें।
विधानसभा के सदस्यों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel)ने कहा कि अधिकारियों की आदत काम को उलझाने और फाइलों को लटकाने व टरकाने की होती है।
मंत्री और मुख्यमंत्री के हाथ में कुछ भी नहीं है। सब कुछ अधिकारी के हाथ में है लेकिन उनसे काम कराने की जिम्मेदारी मंत्रियों की है। इसलिए आपको अधिकारियों से बहुत होशियारी से काम कराना चाहिए।उनसे झगड़ा नहीं करना है। नहीं तो आपका काम नहीं होगा।
उनके साथ शांति के साथ चर्चा कर फाइल निपटाइए। उन्होंने विधायकों और मंत्रियों को अपने बेटे-बेटियों रिश्तेदारों को दूर रखने की नसीहत दी। कहा कि इससे आपकी छवि खराब होती है। टेंडर किसको देना है, इसमें मत पड़िए। रोटी दाल खाइए लेकिन शान से।