COVID 19 JN.1 Dr. N.K Arora : India SAARC-CoV-2 Genomics कंसोर्टियम के Chief Dr N.K Arora ने कहा है कि Corona के नए Variant JN.1 के लिए Booster Dose लगवाने की जरुरत नहीं है।
बता दें कि देश में Corona Virus के मामले एक बार फिर से बढ़ रहे हैं। खासतौर से COVID-19 का नया Variant JN.1 का पता चलने के बाद चिंता काफी बढ़ गई है। इस बीच नए वैरिएंट के खिलाफ अलग से बूस्टर डोज लगवानी की चर्चा होने लगी है।
इस पर India SAARC-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (Genomics Consortium) के चीफ डॉ. N.K अरोड़ा ने ऐसे सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि फिलहाल सबवैरिएंट के खिलाफ Vaccine की अतिरिक्त खुराक की जरूरत नहीं है। Dr. अरोड़ा ने कहा कि उन सभी लोगों को बचाव की आवश्यकता है जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है।
Alert हो जाने की जरूरत
इन लोगों के संक्रमित होने का खतरा अधिक है। वे लोग भी सावधानी बरतें जो ऐसी दवाएं ले रहे हैं जो हमारी प्रतिरक्षा को कमजोर कर देती हैं, Cancer रोगियों की तरह। अरोड़ा ने कहा कि अगर अब तक वे लोग सावधानी नहीं बरत रहे थे तो अब उन्हें Alert हो जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल कोरोना टीके किसी अतिरिक्त खुराक की आवश्यकता नहीं है। INSACOG प्रमुख ने कहा कि यह सही बात है कि Omicron के कई सारे Sub variant मिले हैं मगर उनमें से किसी ने भी गंभीर खतरे नहीं दिखाए हैं। हर हफ्ते ही आप अलग-अलग हिस्सों से नए वैरिएंट मिलने की खबर सुनते होंगे।
उन्होंने कहा कि हम इस Virus के बड़ी संख्या में सबवैरिएंट (400 से अधिक) की पहचान कर चुके हैं। सौभाग्य से इनमें से कोई भी ओमीक्रॉन वैरिएंट खतरनाक साबित नहीं हुआ है। इनके संक्रमण से किसी गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी है।
संक्रमित व्यक्ति दो से पांच दिनों में हो जाते हैं ठीक
लक्षणों को लेकर डॉ. अरोड़ा ने JN.1 के बारे में कहा कि वे दूसरे Subvariants के समान ही हैं। लक्षण इस आधार पर बहुत हद तक समान हैं कि JN.1 संक्रमितों में भी बुखार, नाक बहना और खांसी की शिकायत मिली है। कभी-कभी दस्त और गंभीर शरीर दर्द भी हो सकता है। आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति दो से पांच दिनों में ठीक हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि COVID-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या कम है। JN.1 अब तक के सभी आइसोलेट्स के 1 प्रतिशत से भी कम है।